क्या गेहूं में फिर से रिकवरी देखने को मिल सकती है

किसान और व्यापारी भाइयों गेहूं की कीमतों में लगातार गिरावट के चलते कल भी देशभर की मंडियों में गिरावट जारी रही। इसका मुख्य कारण ओएमएसएस की चर्चा और रोलर फ्लोर मिलों व चक्कियों से कमजोर मांग है। सरकार ने भी गेहूं के स्टॉक की सीमा को कम कर दिया था, जिससे व्यापारियों के बीच अब घबराहट फैल गई और उन्होंने अपना गेहूं बेचना शुरू कर दिया। हालाँकि, जब नोटिफिकेशन जारी हुआ था, तब कोई असर देखने को नहीं मिला था, लेकिन उसमें 15 दिनों का समय भी दिया गया था अपने स्टॉक को कम करने के लिए। आटा, मैदा और सूजी जैसे उत्पादों की बिक्री में कमी के कारण मिल वाले भी गेहूं की खरीदारी कम कर रहे हैं

जिससे कल दिल्ली मंडी लॉरेंस रोड पर गेहूं की कीमतें लगातार पाँचवें दिन 10 रुपये गिरकर 2805 से 2810 रुपये पर आ गई हैं। अभी इसमें और भी गिरावट की गुंजाइश बनी हुई है, जिससे भाव 2800 रुपये के स्तर से भी नीचे जा सकता है। हालाँकि, यह गिरावट ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी क्योंकि 22 सितंबर से नवरात्री शुरू हो रही हैं, जिससे गिरती कीमतों पर रोक लग सकती है और उसके बाद कीमतों में फिर से सुधार देखने को मिल सकता है। जहाँ तक ओएमएसएस की बात है, तो मुश्किल लग रहा है कि सरकार इस महीने के अंत में इस स्कीम को शुरू भी कर पाएगी क्योंकि भाव तो दिन-प्रतिदिन घटता ही जा रहा है, तो सरकार ओएमएसएस को शुरू करने की ज़रूरत नहीं समझेगी। बाकि व्यापार अपने विवेक से ही करें

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