मक्का की निर्यात मांग में धीरे धीरे आ रहा सुधार –किसान और व्यापारी भाइयों, महाराष्ट्र में मक्के की कीमतें ज्यादातर स्थिर बनी रहीं, क्योंकि एक तरफ निर्यात की बढ़ती मांग ने बाज़ार को सहारा दिया, वहीं दूसरी तरफ कमजोर घरेलू मांग के कारण तेज़ी नहीं आ पाई। वर्तमान में, लगभग 5-6 निर्यातक सक्रिय रूप से खरीददारी कर रहे हैं, जिसने कीमतों को गिरने से रोका है। महाराष्ट्र के गोदामों में मक्का ₹1,775-₹1,800 प्रति क्विंटल पर बिक रहा है, जबकि अमलनेर मंडी में भाव ₹1,200-₹1,600 के बीच रहे, और कुछ व्यापार ऊंचे दामों पर (₹1,825-₹1,850) भी हुआ। हालांकि, छिंदवाड़ा में नियमित रूप से लगभग 5,000 टन की आवक बनी हुई है और वहाँ कीमतें ₹1,700-₹1,750 प्रति क्विंटल बोली जा रही हैं, लेकिन कुल मिलाकर खरीददारी अभी भी धीमी है। उत्तर भारत के खरीदारों द्वारा कई ट्रकों को अस्वीकार करने और सीमित मात्रा में खरीदने के कारण, छिंदवाड़ा से भेजे जाने वाले मक्के की मात्रा पिछले साल की तुलना में लगभग आधी रह गई है। मौजूदा हालात को देखते हुए, महाराष्ट्र में मक्के के भाव में फिलहाल किसी बड़ी गिरावट की संभावना कम है, लेकिन घरेलू मांग सुस्त रहने के कारण तेज़ बढ़ोतरी भी मुश्किल है। फिलहाल मक्के को स्टॉक करने के लिए अभी कुछ दिन और रुकना चाहिए, क्योंकि आवक का दबाव अभी भी बना हुआ है और बाज़ार 20-25 रुपये करके गिरता ही जा रहा है। इसलिए, मक्के के बाजार में पहले गिरावट को थमने दीजिए। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

क्या सोयाबीन के बाजार में तेजी बन सकती है पढ़े पूरी रिपोर्ट
किसान और व्यापारी भाइयों, पिछले दो-तीन दिनों में महाराष्ट्र लाइन पर सोयाबीन की कीमतें 100 से 200 रुपये तक टूट चुकी हैं। कीर्ति प्लांट पर भी सोयाबीन का भाव इन दो-तीन दिनों में 100 रुपये तक टूट कर 4800 पर रह गया है। वहीं दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश की बात करें तो कल प्लांटों के भाव 50 से 100 रुपये तक टूट कर 4450 से 4525 तक बोले जा रहे हैं और मंडियों में भी भाव 4400 से 4500 की रेंज में मिल रहे हैं। इस गिरावट के पीछे का कारण डीओसी (DOC) की घटती घरेलू मांग और भारी मात्रा में हो रहा सोया तेल का आयात है। चीन के कस्टम डेटा के अनुसार, नवंबर 2025 तक भारत चीन से लगभग 70,000 टन सोया तेल आयात कर चुका है। महीने के अंत तक यह आंकड़ा 82,000 टन तक पहुंच सकता है। अगले छह महीनों (नवंबर-अप्रैल) में भारत चीन से लगभग 3,50,000 टन सोया तेल आयात कर सकता है। डीओसी के भाव भी इन दो-तीन दिनों में 1000 से 1500 रुपये तक टूट चुके हैं। आवक को देखें तो रोजाना 7.5 लाख से 8 लाख बोरी तक की आवक हो रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर 2.0 स्कीम के तहत मध्य प्रदेश के किसानों से अब तक 9.25 लाख टन सोयाबीन की खरीद कर चुकी है। सभी परिस्थितियों को देखते हुए, फिलहाल घटती सोया डीओसी की मांग और बढ़ता सोया तेल का आयात से बाजार पर दबाव बना हुआ है। ऐसे में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है, बल्कि बाजार अभी कुछ और डाउन हो सकता है और उसके बाद तेजी आएगी या नहीं, वो घरेलू मांग और अमेरिका से जीएम (GM) सोयाबीन के आयात पर लिया गया फैसला तय करेगा। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे