कटनी का दाल मिल उद्योग दलहन पर लगने वाले टैक्स पर छूट मिलने से बंद होने की कगार पर है। अभी के हालात इतने खराब है कि कभी कटनी में लगभग 375 दाल मिल उद्योग चलते थे, जिसमें से अब केवल 75 दाल मिल ही शेष बची है। करीब अब तक 300 दाल मिलों में ताला लग चुका है।
अभी के हालात से कहा जा सकता है कि कटनी का दाल उ्योग बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में दलहन पर टैक्स ना लगने से कटनी के व्यापारियों को व्यापार के लिए छतीसगढ़ पसंद कर रहे है। अगर यही हाल कटनी में रहा तो जल्दी ही कटनी का दाल प्रासिसिंग यूनिटों का नामोनिशान समाप्त हो जाएगा। दाल में लगे सैकड़ों मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं।
व्यापारियों ने बताया कि आज से करीब दो साल पहले जिले का स्थान भारत में प्रमुख दाल उद्योगों में था। मध्य प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण आज एमपी में दाल प्रोसिसिंग युनिट में इंदौर कटनी से आगे हो गया है।
इसे भी पढ़ें 👉नरमा सरसों कपास मुंगफली जौ गेहूं तिल मूंगफली आदि सभी फसल का भाव, mandi bhav today