इस साल में मौसम में आई जल्द गर्मी से गेहूं सहित सरसों व चना की फसल पर वितरीत असर आने की आशंका बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार वर्ष 1901 के बाद इस साल की फरवरी सबसे अधिक गर्म रही।
Wheat Prices: फिलहाल 16 फरवरी को भारत के सरकारी गेहूं भंडारण का में से लगभग 20 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बिक्री के लिए आने के बाद लगभग 133.64 लाख टन गेहूं (wheat Prices)का भंडार वचा है। सरकार द्वारा लगभग 50 लाख टन खुले बाजार में बेचने के साथ-साथ बिक्री मूल्य 2350 से घटाकर 2150 रुपए करने से गेहूं की कीमतों में एक बार फिर 500 रुपए क्विंटल तक का दबाव आ चुका है। इस समय दिल्ली के लारेस रोड पर राजस्थान लाइन का गेहूं 2390-2400 व एमपी लाइन का गेहूं 2390-80 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर कारोबार कर रहा है।
अब मार्च से मई तक भारत के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावनाएं व्यक्त की गई। गेहूं विशेषज्ञों का कहना कि समय से पहले बढ़ रही गर्मी उत्तर प्रदेश और हरियाणा- पंजाब चना की फसल पर वितरीत असर की गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है, क्योंकि इस समय गेहूं में दाना विकसित होने की प्रक्रिया रही है। अधिक तापमान से दाना आकार छोटा और पतला हो सकता है, जिससे गुणवत्ता में भी कमी सकती है।
नई फसल आने में अब अधिक समय नहीं है, लेकिन सरकारी भंडार में गेहूं का स्टॉक काफी कमजोर होने से बाजार में और गिरावट आने की संभावना कम है। गेहूं की आवक शुरू होने के लगभग एक माह तक बाजार दबा रह सकता है। उसके बाद बाजार फिर तेज होने की संभावना बन सकती है। व्यापार अपने विवेक से करे। किसी भी फसल में तेजी या गिरावट आने वाले समय की परिस्थिति पर निर्भर करती है।
इसे भी देखें 👉Mustard Price: तेल मांग बढ़ने से सरसों में आई तेजी, सरसों का भाव, देखें पूरी रिपोर्ट