सप्ताहिक काबुली चना तेजी मंदी रिपोर्ट: पिछला सप्ताह आरंभ में सोमवार इंदौर काबुली (40/42)14900 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम (40/42) 15400 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान काबुली चना मे मांग बनी रहने से +500 रुपए प्रति क्विंटल मजबूत दर्ज हुआ।
काबुली कंटेनर में पिछले सप्ताह 500 रुपये की मजबूती रहे मंडियों में बेस्ट क्वालिटी की आवक नहीं। एवरेज क्वालिटी में 500-600 का सुधार रहा सुस्त आवक और बेहतर मांग के कारण काबुली में सुधार इस बीच अल्जीरिया द्वारा 10,000 टन काबुली खरीदी टेंडर निकलने की रिपोर्ट से काबुली में मजबूती सप्लाई डिमांड में बड़ा अंतर होने से काबुली का फंडामेंटल मजबूत काबुली चना की आवक प्रमुख मंडियों में काफी सुस्त है।
आने वाले 4 महीनों के दौरान काबुली की घरेलू मांग में इजाफा होगा क्योंकि त्योहारी सीजन लगते हैं। काबुली की सर्वाधिक खपत होटल, रेस्टोरेंट ढाबे के साथ शादियों में अधिक होता है। काबुली में निर्यात मांग फिलहाल औसत है, लेकिन यह भी जल्द रफ़्तार पकड़ने की उम्मीद काबुली चना की घरेलु खपत मांग औसतन प्रति माह 20000 टन के आसपास रहता है और यह शादियों के सीजन में बढ़ता भी है।
काबुली चना का सप्लाई डिमांड में बड़ा अंतर है क्योंकि घरेलु फसल अब अगले वर्ष फरवरी में ही आएगी काबुली के मजबूत फंडामेंटल को देखते हुए इस वर्ष भाव में मजबूती जारी रहने की उम्मीद। व्यापार अपने विवेक से करें
सप्ताहिक चना तेजी मंदी रिपोर्ट: पिछला सप्ताह आरंभ में सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5400/25 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम चना 5550/75 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग बनी रहने से +150 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज की गई।
नाफेड टेंडर में कारोबारियों द्वारा बढ़चढ़कर भागीदारी से मजबूती नाफेड ने भी चना टेंडर एक योग्य भाव पर पास करने से सेंटीमेंट मजबूत मंडियों में चना कम और डंक वाले माल आने से अधिकतर कारोबारी नाफेड टैंडर से चना खरीदी कर रहे दिल्ली चना का जो पहले बेस 5000 बना था।
वह अब 5450-5500 पर बनता नजर आ रहा यानी की अब इसके निचे जाने की संभावना कम चना की सबसे अधिक सितम्बर-नवंबर तक होती है इसलिए आने वाले समय में मांग भी बढ़ने की उम्मीद है।
नाफेड द्वारा अब तक 2022 स्टॉक में से 3.20 लाख टन चना बिक्री होने का अनुमान है। नाफेड चना में कारोबारियों की आगे मांग भरपूर रहेगी। अगले 4 महीने चूँकि त्योहारी सीजन है तो लगभग 20-25 लाख टन चना की मांग का आसानी से अनुमान है मंडियों में सुस्त आवक को देखते हुए इस मांग की पूर्ति नाफेड को करनी होगी। यानि की इस मांग की पूर्ति के लिए प्रति माह 6-6.5 लाख टन कम से कम चना लगेगा।
अब प्रश्न उठता है की क्या नाफेड दवारा चना की बढ़ती मांग की पूर्ति हो सकेगी चना का फंडामेंटल धीरे धीरे मजबूती की तरफ बनता नजर आ रहा है। दिल्ली चना (राजस्थान) को 5450-5500 का मजबूत सपोर्ट जबकि 5800-5825 पर अगला रेजिस्टेंस।व्यापार अपने विवेक से करें।
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नोट : आज आपने जाना सप्ताहिक चना तेजी मंदी रिपोर्ट । व्यापार अपने विवेक से करे। किसी भी फसल में तेजी या मंदी आने वाली फसल की मांग और परिस्थितियों पर निर्भर करती है। किसी भी लाभ हानि होने पर सुपर मंडी भाव जिम्मेवार नहीं है