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किसान इन गेहूं की नई किस्म को लगाकर ले सकते हैं 96 क्विंटल का उत्पादन, जाने पूरी जानकारी

हमारे देश में रबी और खरीफ सीजन में अलग-अलग फसलों की खेती की जाती है। अभी वर्तमान मौजूदा समय में खरीद फसल अब कटाई का कार्य चल रहा है। और विशेष कर धान की फसल पैक कर तैयार है और किसानों के द्वारा कटाई का कार्य हाथों और मशीन के द्वारा पूरे जोर से चल रहा है। ऐसे में किसान अब गेहूं की बिजाई करने वाले हैं और उससे पहले किसान उन्नत किस्म के बीजों का चयन करना बहुत आवश्यक है।

 

गेहूं की नई किस्म 

बता दें कि किसानों को अपनी फसल में बंपर उत्पादन के लिए गेहूं की अच्छी किस्म का चुनाव करना बहुत जरूरी है। किसानों के अच्छे उत्पादन के लिए किसी वैज्ञानिकों के द्वारा इस समय कई नई किस्म भी विकसित की है। जिसे एक हेक्टेयर भूमि में 96 क्विंटल तक की पैदावार देने में सक्षम है।

 

हरियाणा प्रदेश में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के द्वारा गेहूं की किस्म करण वंदना को विकसित किया गया है जिसे DBW 187 गेहूं कहा जाता है। गेहूं की इस वैरायटी में औसत एक हेक्टेयर में 63.3 क्विंटल उत्पादन मिलता है। वहीं एक हेक्टेयर में अधिकतम 96.6 क्विंटल तक है।

 

करण वंदना गेहूं की किस्म (DBW 187)

 

करण वंदना गेहूं की इस किस्म का उत्पादन हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश दिल्ली पंजाब उत्तराखंड राजस्थान और जम्मू के किसानों के लिए बेहतरीन किस्म बताई गई है वहीं इस किस्म में ब्लास्ट और पीला रतवा जैसी बीमारियों भी बहुत कम प्रकोप होता है। करण वंदना की किस्म पकने का समय 148 दिन है वहीं इससे अच्छा उत्पादन मिलता है।

करण नरेन्द्र गेहूं की किस्म (DBW -222)

 

गेहूं की किस्म करण नरेन्द्र को भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के द्वारा ही विकसित किया गया है और इस किस्म को भी DBW-222 के नाम से विख्यात है बता दें कि इस गेहूं के किस एम का उत्पादन प्रति हेक्टेयर अधिकतम 82 क्विंटल हैं। और यह गेम की कसम एक हेक्टेयर में 61.3 क्विंटल औसत पैदावार देती है। इस गेहूं के पकाने का समय करीब 143 दिन बताया गया है वहीं इस गेहूं के का इस्तेमाल बिस्किट ब्रेड या रोटी बनाने में किया जा सकता है। गेहूं की इस किस्म को पंजाब हरियाणा दिल्ली जम्मू उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए उपयुक्त माना गया है।

 

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