AdBlock Detected

It looks like you're using an ad-blocker!

Our team work realy hard to produce quality content on this website and we noticed you have ad-blocking enabled.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now
Join Google News Join Now

 

गन्ने में जड़ बेधक रोग की रोकथाम, पिली पड़ रही पतियों का रंग हरा करे

किसानों को गन्ने के खेत में कीट रोग (Sugarcane Root Borer) की रोकथाम करना बहुत ही आवश्यक है। लेकिन फिर भी किसानों को कई ऐसे किट होते हैं। जिनकी समय पर रोकथाम ना होने के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है। और उत्पादन भी कम होता है। ऐसे ही एक रोग के बारे में आपको हम जानकारी आज इस आर्टिकल के द्वारा देने जा रहे हैं आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें आज हम बात करेंगे गन्ना की खेती में जड़ बेधक रोग (Sugarcane Root Borer) के बारे में जाने पूरी जानकारी

 

गन्ना की खेती हमारे देश के कई हिस्सों में की जाती है और गन्ना की बुवाई की बात करें तो अक्टूबर नवंबर महीने से लेकर मार्च अप्रैल तक भी किसान के द्वारा समय-समय पर की जाती है। और जिन खेतों में मार्च और अप्रैल के महीने में गन्ने की बुवाई का कार्य हो चुका है। वहां पर 9 से 10 महीने गन्ना का हो गया है। और फसल काटने के लिए भी तैयार हो रही है।

गन्ने की खेती में जड़ बेधक रोग की पहचान कैसे करें। Sugarcane Root Borer

 

गन्ने की खेती में जड़ बेधक रूप का अटैक कभी भी देखने को मिल सकता है। लेकिन अबकी बार दिसंबर महीने में भी इसी रोग का प्रभाव गन्ना की खेती में देखने को मिला है। इस रोग से ग्रसित पौधे में जड़ के ऊपर जो पोरिया बनती है। उनके ऊपर छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देने लगते हैं। और उसके अंदर यह जो रस वाला बुरादा होता है। उसमें वह रोग (Sugarcane Root Borer) के प्रभाव के चलते लाल रंग का देखने को मिलता है। इस रोग की चपेट में आने से पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली पड़ने लगती है और धीरे-धीरे सूख जाती है और पौधों का विकास रुक जाता है

जड़ बेधक रोग की रोकथाम कैसे करें

 

Sugarcane Root Borer: गन्ना की फसल में जड़ बेधक रोग की रोकथाम के लिए किसानों को कीटनाशक का प्रयोग पानी के द्वारा या खाद के साथ मिलकर जड़ों में ही करना चाहिए। क्योंकि खड़ी फसल में इसका उपचार करना किसानों के लिए बेहद मुश्किल हो जाता है। इसलिए नीचे कीटनाशक दवा के नाम बताए हैं। जिनको आपको जड़ में ही देना है।

 

1. गन्ना की फसल में लगने वाली इस रोग के लिए किसान क्विनालफॉस 25 ई.सी 2 लीटर के साथ क्लोरपायरीफॉस 20% ई.सी 2 लीटर प्रति एकड़ को मिलाकर पानी सिंचाई के द्वारा उसमें दिया जा सकता है।

2. क्लोरपाइरीफोस 50%+साइपरमेथ्रिन 5% ईसी 2 लीटर के साथ बाइफेंथ्रिन 10% ईसी 2 लीटर प्रति एकड़ की मात्रा में खेत में देना चाहिए।

3. किसान गन्ने के खेत में कार्बोफ्यूरान 3% सीजी का इस्तेमाल 12 से 15 किलोग्राम प्रति एकड़ डाल सकते हैं।

 

इसे भी पढ़ें 👉नए साल से पहले केंद्र सरकार ने दिया बड़ा गिफ्ट, सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी

इसे भी पढ़ें 👉नए साल पर किसानों को 30 कृषि यंत्रों पर मिलेंगी सब्सिडी, लास्ट दिनांक से पहले करें जल्द आवेदन

नोट: हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी लेकिन किसान भाइयों आपको हमने जो ऊपर कीटनाशक दवा (Sugarcane Root Borer) है। इन्हें आपको जड़ों में ही उपयोग में लाना है। छिड़काव के द्वारा ना डालें और डालते समय आपको विशेष सावधानी जरूरत नहीं है क्योंकि इनमें खतरनाक गैस होती है। इसलिए अपने मुंह पर मास्क जरूर लगाना चाहिए।

 

 

इसे भी पढ़ें 👉PM Kisan Yojana Update: किसानों को नए साल पर मिलेगी बड़ी खुशखबरी, पीएम किसान योजना राशि 9000 रुपए

सोना चांदी व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉यहां पर दबाएं

सरकारी योजना व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉यहां पर दबाएं

WhatsApp Group 

Join करें 




Telegram Group में जुड़े

Join करें


Facebook  पर जुड़े

Join करें

 

error: Content is protected !!