स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर होने से गुजरात में कॉटन नरम, उत्तर भारत में स्थिर

स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर होने से गुजरात में कॉटन नरम, उत्तर भारत में स्थिर

नई दिल्ली, 22 सितंबर स्पिनिंग मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण सोमवार को शाम के सत्र में गुजरात में कॉटन के भाव में नरमी दर्ज की गई, जबकि उत्तर भारत में इसके भाव स्थिर हो गए।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव सोमवार 100 रुपये कमजोर होकर 55,400 से 55,700 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।

पंजाब में नई रुई हाजिर डिलीवरी के भाव 5,470 से 5,480 रुपये प्रति मन बोले गए।

हरियाणा में नई रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5,440 से 5,550 रुपये प्रति मन बोले गए।

ऊपरी राजस्थान में नई रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 5,470 से 5,480 रुपये प्रति मन बोले गए।

लोअर राजस्थान में नई रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 52,900 से 53,000 रुपये कैंड़ी बोले गए।

देशभर की मंडियों में कपास की आवक 12,000 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

घरेलू वायदा कारोबार में कॉटन की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल 26 महीने के वायदा अनुबंध में कपास के दाम 10.5 रुपये कमजोर होकर 1,550 रुपये प्रति 20 किलो रह गए।

केंद्र सरकार ने कॉटन के आयात पर शून्य शुल्क की समय सीमा को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 किया हुआ है।

व्यापारियों के अनुसार गुजरात में कॉटन की कीमतों में नरमी दर्ज की गई, जबकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके भाव स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों पंजाब और हरियाणा एवं राजस्थान में कपास के अधिकांश उत्पादक क्षेत्रों में मौसम साफ है, जिस कारण नई फसल की आवक पहले की तुलना में बढ़ने लगी है।

विश्व बाजार में कॉटन के दाम नीचे होने के कारण आयातित कॉटन सस्ती है, जबकि सूती धागे में उठाव सामान्य की तुलना में कमजोर है। वैसे भी अधिकांश स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक अच्छा है। घरेलू गारमेंट इकाइयों द्वारा उत्पादन में कटौती की जा रही है। इसलिए हाजिर बाजार में नई फसल की आवक बढ़ने पर कॉटन की कीमतों में नरमी आने का अनुमान है। अक्टूबर में कपास की नई फसल की आवक बनेगी।

कृषि मंत्रालय के अनुसार 12 सितंबर तक चालू खरीफ सीजन देशभर में कपास की बुआई कम होकर 109.64 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 112.48 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

विदेशी बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा, जबकि घरेलू बाजार में कॉटन वॉश की कीमत स्थिर से तेज हुई। अकोला में कॉटन वॉश के भाव तेज होकर 1,260 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान अमरातवी में कॉटन वॉश की कीमत 1,250 रुपये प्रति दस किलो पर स्थिर हो गई। जालना में कॉटन वॉश के दाम तेज होकर 1,220 रुपये प्रति 10 किलो बोले गए।

तेल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण बिनौले की कीमतों में मंदा आया। हरियाणा में बिनौले के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 4200 से 4400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान राजस्थान में बिनौला के भाव 4,400 से 4,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। बिनौला के दाम पंजाब में 25 रुपये कमजोर होकर 4300 से 4400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

पशु आहार वालों की मांग सीमित होने से कपास खली के दाम स्थिर हो गए। बीड में रेगुलर क्वालिटी की कपास खली की कीमत 3,900 से 4,060 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। इस दौरान पिंपलगांव में रेगुलर क्वालिटी की कपास खली की कीमत 3,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। बालानगर में रेगुलर क्वालिटी की कपास खली के भाव 3,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (कमोडिटीज कंट्रोल) स्पिनिंग मिलों की खरीद सीमित होने के कारण महाराष्ट्र की मंडियों में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन कॉटन की कीमत स्थिर हो गई, जबकि राज्य की मंडियों में कपास की दैनिक आवक बढ़ गई।

राज्य के कपास उत्पादक क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं। जानकारों के अनुसार नई फसल को देखते हुए राज्य की अधिकांश स्पिनिंग मिलें इन्वेंट्री नहीं बढ़ाना चाहती, इसलिए जरुरत के हिसाब के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही है। दीपावली के बाद मंडियों में नई कपास की आवकों में बढ़ोतरी होगी। स्पिनिंग मिलें इस समय अच्छे मार्जिन में व्यापार कर रही है, अत: आगामी दिनों में कॉटन की खरीद बढ़ानी होगी। अत: कॉटन की कीमतों में हल्का सुधार तो बन सकता है, लेकिन बड़ी तेजी के आसार नहीं है। राज्य में कपास के साथ ही बिनौला के भाव स्थिर हो गए।

घरेलू वायदा बाजार में आज कॉटन की कीमतों में तेजी का रुख रहा। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल-26 वायदा अनुबंध में कपास की कीमत 20.5 रुपये तेज होकर 1,541 रुपये प्रति 20 किलो हो गई।

आज राज्य की उत्पादक मंडियों में कपास की आवक 4,700 गांठ की हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में 4,300 गांठ की आवक हुई थी।

स्पिनिंग मिलों की सीमित मांग से आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में कॉटन की कीमत रुकी, दैनिक आवक ज्यादा

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर स्पिनिंग मिलों की मांग सीमित बनी रहने के कारण आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना की मंडियों में शुक्रवार को भी कॉटन की कीमत रुकी रही, जबकि इन राज्यों में कपास की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

आंध्रप्रदेश के कपास उत्पादक क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जबकि तेलंगाना के कपास उत्पादक क्षेत्रों में मौसम साफ है। व्यापारियों के अनुसार तेलंगाना की मंडियों में नई कपास की आवक बढ़ने लगी है, तथा दीपावली की छुट्टियों के बाद इन राज्यों में नई कपास की आवक बढ़ेगी। अत: नई फसल को देखते हुए स्पिनिंग मिलें जरुरत के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही है। अत: हाजिर बाजार में इसके दाम स्थिर बनी हुई है। इन राज्यों की जिनिंग मिलों एवं सीसीआई के साथ समझौता हो गया है इसलिए आगामी दिनों में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी। आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में बिनोला के साथ ही कपास के दाम स्थिर बने रहे।

घरेलू वायदा बाजार में आज कॉटन की कीमतों में तेजी का रुख रहा। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल-26 वायदा अनुबंध में कपास की कीमत 20.5 रुपये तेज होकर 1,541 रुपये प्रति 20 किलो हो गई।

इन राज्यों में कॉटन की आवक 7,500 गांठ की हुई। तेलंगाना की मंडियों में 2,500 गांठ तथा आंध्रप्रदेश की मंडियों में 5,000 गांठ कपास की आवक हुई। इसके पिछले कारोबारी दिवस में कपास की आवक 6,500 गांठ की हुई थी।

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