बासमती धान और चावल के बाजार में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि फंडामेंटल और एक्सपोर्ट डिमांड के लिहाज से तेजी की संभावनाओं का अंदाजा पहले से ही लगाया जा रहा था, लेकिन कोई बड़ी एक्सपोर्ट डिमांड नहीं होने से पहले ही बाजार उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, यह देखकर कारोबारी हैरान हैं। भ्रम इस बात को लेकर भी है कि अब बाजार में क्या होगा? धान की मंडियों में बासमती की लगभग सभी किस्मों की आवक में तेजी से गिरावट आ रही है। 1509 का आगमन लगभग समाप्त हो गया है। कैथल लाइन पर पारंपरिक पिछले सप्ताह से बासमती के भाव में करीब 200 रुपए की गिरावट आई है और अब यह 6200 रुपए बताई जा रही है, लेकिन पिछले साल तक 3200 से 3500 रुपए तक बिकने वाली यह बासमती अभी भी काफी ऊंचे स्तर पर है। 1401 कीमत 5 हजार रु के स्तर को पार कर चुका है और अब 1121 भी जल्द ही 5 हजार की ओर बढ़ता हुआ देखा जा सकता है। इन किस्मों के मुकाबले में बासमती की अन्य किस्मों को भी अच्छी प्रगति करते देखा जा सकता है।
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क्या पंजाब और हरियाणा के मिलर्स के पास दो महीने भी धान का स्टॉक नहीं है। इसलिए मिलर्स जानबूझ कर चावल की बिक्री रोक रहे हैं । बासमती 1121 और 1401 सेला रेट 8400-8500 के स्तर पर पहुंच गया है और डीबी रेट भी 8200-9300 रुपए बोला जा रहा है। 1121 का स्टीम 92 रु वहीं 90 रुपए के ऊपर 1401 का रेट बोला जा रहा है। WhatsApp ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करके
हरियाणा की हेफेड ने भी निर्यात मामलों में भाग लिया है। गतिविधि बढ़ा दी गई है और हरियाणा से मप्र तक धान की खरीद की जा रही है। मंगलवार को हेफेड ने सिरसा में 1401 धान पांच हजार की दर से खरीदा।
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विदेशी मांग
अभी भी सऊदी अरब या ईरान से कोई बड़ी मांग सामने नहीं आई है, लेकिन निर्यातक व्यापारी जानते हैं कि देर-सवेर सभी को चावल खरीदना ही है। उत्पादन पिछले साल की तुलना में काफी कम है और पड़ोसी देशों से निर्यात मांग भी भारत की ओर स्थानांतरित होने की संभावना है। इन
इन वजहों से बासमती धान और चावल बाजार में मंदी के आसार नहीं हैं बल्कि तेज हो सकता है।
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