हिंगणघाट जिले में पिछले 3 महीने से केवल चार बार अच्छी बारिश दर्ज की गई। लगातार बारिश के न होने से अब फसल भी मुरझा रही है।
हिंगणघाट क्षेत्र में पिछले करीब 20 से 25 दिनों से बारिश नहीं हुई है फसल पर अटैक कर रही है। जिन किसानों के पास पानी की सुविधा है वह स्प्रिंकलर से पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। और जिन किसानों के पास पानी की सुविधा नहीं है और बारिश पर निर्भर है उनके लिए गंभीर संकट है फसल में अब फल फूल आना आरंभ हो गया है इसके साथ-साथ पीला मोजेक का अटैक भी आ या है।
खरीफ की फसल खेत में बुवाई करने से लेकर पकाने तक किसानों को काफी ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है लेकिन इसी बीच प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को ही सामना करना पड़ता है। किसानों द्वारा अपनी फसल को लेकर जो सपने होते हैं वह चकनाचूर हो जाते हैं। फसल में हो रहे कीटों के अटैक से फसल को नुकसान हुआ है वहीं किसानों द्वारा कीटनाशक का प्रयोग का कोई असर फसल में देखने को नहीं मिला जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान अपनी फसल के साथ अन्य खर्च भी उठाना पड़ रहा है।
कपास की फसल में भी है संकट
हिंगणघाट तहसील को कॉटन भी अच्छी मात्रा में बोया जाता है और इस वर्ष करीब 45 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई है लेकिन समय पर बारिश न होने के चलते भी कपास की फसल में अब संकट पैदा हो गया है। अगस्त महीने में बारिश ना मात्र हुई है और किसानों के द्वारा हुए फसल खर्च को निकाल पाना अब मुश्किल हो गया है।
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