हमारे देश के राजस्थान हरियाणा उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश के अलावा कई राज्यों में चना की खेती की जाती है और चना की अगाती फसल होने पर उत्पादन में अच्छी किस्मों का चुनाव करना बहुत जरूरी है। आज हम आपको चैन की टॉप 5 किस्म के बारे में बताएंगे और खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण कार्य भी करना आवश्यक है
गेहूं और सरसों के बाद चना की खेती रवि फसलों में प्रमुख रूप से मानी जाती है और चना का उपयोग पशु आहार पौष्टिक तत्वों बेसन डाल के रूप में उपयोग किया जाता है।
चना की टॉप 5 किस्म की जानकारी
(1). चना की एचसी 5 (HC 5) किस्म: चना की किस्म एचसी 5 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद करनाल (ICAR) के द्वारा किसानों के लिए अच्छा उत्पादन देने वाली किस्म को विकसित किया गया है। जिसका बिजाई का समय 25 अक्टूबर से लेकर 15 नंबर तक किया जा सकता है। इस किस्म को पकने में 120 दिन लगता है।
(2). चना की किस्म वरदान: चना की यह किस्म सिंचाई वाले और बीना सिंचाई की जमीन में खेती किया जा सकता है। इस किस्म के उत्पादन की अगर हम बात करें तो प्रति हेक्टेयर 20 से 25 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। वहीं इस किस्म में पकाने का समय करीब 150 दिन का रहता है।
(3). चना किस्म जाकी 9218: चना की यह किस्म मध्यम समय में उपज के लिए अच्छा होता है। इस किस्म को सिंचाई और बीना सिंचाई करने योग्य भूमि में बोया जाता है। वहीं इसे पकने में करीब 110 से 115 दिन रहता है। और उत्पादन की बात किया जाए तो यह 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलता है।
(4). चना की किस्म 256: पूसा 556 चना की किस्म को बीना सिंचाई और सिंचाई वाले भूमि में भी किया जा सकता है। और इस किस्म को पकाने में करीब 130 दिन का रहता है। इस किस्म में औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर 27 क्विंटल होता है।
(5). फुले 9425-5 चना किस्म: इस की विकसित फुले कृषि विश्वविद्यालय राहुरी के द्वारा की गई है। इस किस्म की बुवाई अक्टूबर से 15 नवंबर तक किया जा सकता है। इसके समय प्रति हेक्टेयर उत्पादन 40 क्विंटल रहता है। और जिसे पकने में करीब 90 से 105 दिन लगता है।
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