खराब मौसम की वजह कल मंडियों में देसी तुवर की आवक प्रभावित हुई।घरेलू मार्केट में लेमन तुवर के साथ ही मोजाम्बिक अरहर के भाव तेज हुए हैं। बर्मा में रेट बढ़ने के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए कमजोर होने से आयात पड़ते महंगे बने हुए हैं। भारत की कमजोर फसल को देख बर्मा के निर्यातक तुवर की बिकवाली रेट बढ़ाकर कर रहे है जिससे भी तुवर के बढ़ते भाव को समर्थन मिल रहा है।
Dalhan fasal:जानकारों के मुताबिक घरेलू मार्केट में हाल ही में अरहर दाल के बढ़े भाव पर खुदरा एवं थोक मांग कमजोर है। दाल मिलें केवल आवश्यकता के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। मौसम साफ़ होने पर घरेलू मंडियों में भी देसी अरहर की आवक बनी रहेगी।साथ ही बर्मा के साथ अफ्रीकी देशों से अरहर का आयात अभी जारी रहेगा। इसलिए अरहर के भाव में बढ़ते भाव में स्टॉक हल्का करना चाहिए।
मसूर के प्रमुख उत्पादक मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी मौसम खराब है, जिस कारण दिल्ली में मसूर के भाव तेज हुए। हालांकि बंदरगाह पर आयातित मसूर के रेट स्थिर बने रहे। मौसम खराब रहने व् आवक कमजोर होने के कारण स्टाकिस्टों की लिवाली बढ़ने से मसूर के भाव में आज तेजी का रुख रहा। वैसे भी इस समय नई फसल की कटाई चल रही है, ऐसे में अगर बारिश या फिर ओलावृष्टि हुई तो नई फसल की आवक प्रभावित होगी।
इसलिए मसूर के रेट में तेजी, मंदी मौसम के हिसाब से बनेगी।आयातित मसूर की तेजी सपोर्ट व मौसम ख़राब बना रहने से मसूर के भाव में और तेजी देखी जा सकती है। ध्यान रहे चालू रबी सीजन में मसूर की बुआई बढ़ी है तथा उत्पादन अनुमान भी अधिक है। उधर कनाडा के साथ ही ऑस्ट्रेलिया से आयात बना रहेगा।
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नोट:-व्यापार अपने विवेक से करें । हमारा काम किसानों तक सही जानकारी पहुंचाना है। किसी भी फसल में तेजी आ मंदी आने वाली परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। किसी भी लाभ या होनी होने पर सुपर मंडी भाव जिम्मेवार नहीं है।