केंद्र सरकार दालों की महंगाई से राहत दिलाने के लिए सक्रिय हो गई है। सरकार ने दालों के स्टॉक पर सख्त निगरानी रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने अपने अधिकारियों को मंडियों में दलहन के स्टॉक की जानकारी लेने और जांच करने लिए अलग अलग जगहो पर टीम भेजी है।
जिससे पता चल सके कि कहीं जमाखोरी के कारण दालों के भाव तो नहीं बढ़ रहे हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पिछले हफ्ते दलहनों के स्टॉक के माहौल व भाव समेत अन्य आकलन के लिए अधिकारियों की दो टीमों को महाराष्ट्र भेजने का फैसला लिया है। जानकार सूत्रों के मुताबिक इस निर्णय के बाद पहली टीम लातूर और दुसरी टीम सोलापुर पहुंच चुकी हैं। और ये टीम शुक्रवार तक मंडियों का दौरा कर दाल व दलहनों के अन्दर खाते लगें स्टॉक का निरीक्षण व बढ़ते भावों के बारे में पता करेगी।
तीसरी टीम शुक्रवार को मुंबई गई है। ये तीनों टीमें महाराष्ट्र के अंदर विभिन्न मंडियों में दालों और दलहनों के भाव के साथ ही बिग चेन रिटेलर डीलर्स आयातक मिलर्स स्टॉकिस्ट व कारोबारियों द्वारा घोषित दलहनों के स्टॉक के सत्यापन हेतु राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी हासिल करेंगी।
केंद्र सरकार राज्य सरकारों को पहले ही कह चुकी है। कि वे कारोबारियों को हर हफ्ते दलहन व दालों के स्टॉक की घोषणा करने के निर्देश दें देश में इस साल खासकर अरहर व उड़द दाल के भाव में काफी तेजी देखी जा रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की हिसाब से दालों के खुदरा भाव 35 रुपये किलो तक ज्यादा हैं।
साल भर में अरहर दाल की औसत खुदरा भाव करीब 35 रुपये बढ़कर 152 रुपये उड़द दाल की 15 रुपये बढ़कर 124 रुपये मूंग दाल की 9 रुपये बढ़कर 117 रुपये और चना दाल की 10 रुपये बढ़कर 84 रुपये किलो हो गई है मसूर दाल के औसत खुदरा भाव पिछले साल के बराबर ही है।
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