विदेशी तेलों में गिरावट जारी रहने तथा मांग कमजोर होने से स्थानीय बाजार में अधिकांश खाद्य तेलों के
भाव 100/200 रुपए प्रति कुंटल टूट गए। अखाद्य तेलों में भी मांग कमजोर होने से मंदे का रुख रहा।
सरकार द्वारा कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क और उपकर को 30 जून
तक माफ करने की घोषणा किए जाने के कारण विदेशी तेलों में मंदे का रुख जारी रहा ।
विदेशी तेलों में मंदे का रुख जारी रहने के कारण तेल का उठाव न होने के कारण मिलों की मांग कमजोर होने से लारेंस रोड पर सरसों के भाव 5050/5100 प्रति कुंटल पर सुस्त रहे।
हरियाणा की बिकवाली आने से सरसों तेल 200 रुपए लुढ़क कर 9500 रुपए प्रति कुंटल रह गया। दादरी मंडी में इसके भाव 9400 रुपए प्रति कुंतल बोले गए। ग्राहकी का समर्थन न मिलने से सोया तेल भी 100 घटकर 9700 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
आयातकों की बिकवाली से कांदला में इसके भाव 9200 रुपए प्रति कुंतल बोले गए । रिफाइंड वालों की मांग कमजोर होने से राइसब्रान आयल भी 100 रुपए घटकर 7600 रूपये प्रति क्विंटल रह गया । बिनौला तेल में बिकवाली कमजोर होने से 9000 से घटकर 8800 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। जबकि घाटे भाव पर बिकवाली कमजोर होने से तेल के भाव 18000 रुपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे ।
विदेशों में सीपीओ के भाव 980 डालर प्रति टन बोले जाने तथा वनस्पति घी निर्माताओं की मांग कमजोर होने से कांदला में क्रूड पाम आयल के भाव 100 रुपए घटकर 8350 रूपये प्रति कुंतल रह गए । सटोरिया लिवाली कमजोर होने से केएलसी में
सीपीओ जून डिलीवरी 22 रिंगिट घटकर 3783 तथा जुलाई के भाव के भाव 14 रिंगिट घटकर 3589 रिंगिट प्रति टन रह गया |
साबुन निर्माताओं की मांग कमजोर होने के कारण राइस फैट्टी के भाव 100 रूपया घटकर 7400/7450 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। एसिड आयल में लिवाली घटने से 6600/6650 रूपये प्रति क्विंटल पर सुस्त रहा। पेंट निर्माताओं की मांग कमजोर होने से अखाद्य तेलों में अरंडी तेल के भाव 200 रुपए घटकर 12800/ 12900 रुपए प्रति कुंतल रह गया ।
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