NANO Urea Liquid Fertilizer: देश में पहले फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अंधाधुंध उर्वरक इस्तेमाल को नैनो यूरिया ने काफी कम किया है। पहले किसान सुखी अभ्रक मिट्टी में डालते थे जिससे मिट्टी प्रदूषण बढ़ रहा था लेकिन इसी को ध्यान में रखते हुए इफको ने नैनो यूरिया को लॉन्च किया। जिससे फसल को सही उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित करना आसान हो गया है।
हमारे देश में लगभग सभी किसानों को नैनो यूरिया पर विश्वास बढ़ा है इसके साथ-साथ इंटरनेशनल लेवल पर भी नैनो यूरिया ने अपनी पहचान बना रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार IFFCO ने नैनो यूरिया निर्यात को लेकर 25 देशों तक ले जाने की योजना बनाई है नेपाल श्रीलंका केन्या मेक्सिको और सुरीनाम पहले से नैनो यूरिया का एक्सपोर्ट हो रहा है।
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नैनो तरल यूरिया को इफको कंपनी रियाद 25 देशों तक पहुंचाना चाहती है। जिसके लिए नैनो यूरिया का सैंपल भेजे गए हैं। ब्राजील ने नैनो यूरिया के लिए ऑफिशियल अप्रूवल दे दी है बाकी देशों से अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। इफको कंपनी ने एक्सपोर्ट के हिसाब से 30 करोड बोतल 2024 तक बनाने का लक्ष्य बनाया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इफको(IFFCO) इफको कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर निदेशक यूएस अवस्थी ने कहा कि कंपनी 500 मिलीलीटर की 6 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक किसानों को 5 करोड़ बोतल बेची जा चुकी हैं। नैनो तले यूरिया की यह मात्रा 2200000 टन ठोस यूरिया के बराबर है और साथ में 50% खपत में काम हो जाता है।
उत्पादन होगा 30 करोड बोतल
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल गुजरात के कलोल में दुनिया के पहले नैनो यूरिया प्लांट की स्थापना की है। देश में जल्द ही पांचवा नैनो यूरिया प्लांट झारखंड में स्थापित होने जा रहा है साल 2024 तक नैनो तरल यूरिया का उत्पादन 30 करोड बोतल तक पहुंच जाएगा। यह उत्पादन 135 लाख टन ठोस यूरिया के बराबर है।
हमारे देश में उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार विदेशों से बड़ी मात्रा में लाना पड़ता है जिस पर किसानों को सब्सिडी भी दिया जाता है अब नैनो तरल यूरिया पर किसानों का विश्वास बढ़ने से विदेशों से और कम का आयात कम होगा जिससे हमें विदेशी मुद्रा भी खपत कम होगी।
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