नमस्कार किसान साथियों आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे ग्वार की खेती में टॉप वैरायटी के बारे में जानकारी देंगे। ग्वार की खेती भारत के हरियाणा राजस्थान पंजाब और गुजरात में की जाती है और इसकी खेती करना वह भी आसान और कम सिंचाई में पैदावार को लिया जा सकता है। ग्वार की खेती के लिए किसी भी मिट्टी में आसानी से उग जाती है अन्य फसलों के मुकाबले उगने की क्षमता ग्वार में ज्यादा होती है। ग्वार का उत्पादन भारत में विश्व में सबसे ज्यादा होता है। ग्वार की खेती करने से फसल का उत्पादन के साथ-साथ हमें ग्वार की फलियों का उपयोग सब्जियों में अच्छी खासी डिमांड रहती है। और इसके साथ-साथ गवार की खेती करने से जमीन में अच्छी खाद मिलती है। आइए जानते हैं आज ग्वार की नई यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार नई वैरायटी (ग्वार की उन्नत किस्म)कौन सी है।
ग्वार की हरियाणा यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार वैरायटी (ग्वार की उन्नत किस्म )
1. HG -365 यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार ग्वार की यह वैरायटी जल्दी पकने के साथ साथ शाखा में फैलाव लेने वाले वैरायटी है।इस वैरायटी से हरियाणा और राजस्थान की मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी गई है।
2. HG -653 यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार इस वैरायटी को लगभग सभी क्षेत्र में बुवाई की जा सकती है। और यह वैरायटी भी जल्द पकने के साथ-साथ शाखाओं में फैलाव लेने वाले वैरायटी है।
3. HG 2-20 यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार इस ग्वार की वैरायटी को सिंचित और असिंचित क्षेत्र (बिरानी)में खेती की जा सकती है। यह वैरायटी भी जल्द पकड़ने के साथ-साथ शाखाओं में फैलने वाली वैरायटी है।
प्राईवेट वैरायटी
1. Star 610
2. शक्तिवर्धक X-6
3. ग्णेश-672
बीज की मात्रा कितना रखें
अगर किसान भाई गवार की फसल की बुवाई इस समय करना चाहते हैं तो इस समय बीज की मात्रा को कम रखना चाहिए। अगर किसान भाई बीज की मात्रा ज्यादा रखते हैं। तो फसल ज्यादा हाइट लेगी और मानसून आने के समय पर फूलों पर होगी जिससे फसल में पर्याप्त हवा ना मिलने से फूलों का विकास नहीं होगा और उत्पादन घट सकता है।
बीज की मात्रा ज्यादा होने की वजह से हमारी फसल हाइट ज्यादा लेगी और फूलों की संख्या कम होगी |अब बिजाई कर रहें हो तो प्राईवेट वाली बिजाई करें क्योंकि यह फुटाव ज्यादा लेती हैं | अगर किसान प्राईवेट वेरायट वाली किस्म बीज की बिजाई करते है 2 -3 किलो, यूनिवर्सिटी वाली किस्म की बिजाई करते हैं तो तो 3-4 किलो बीज की मात्रा रहेगी | अगर आप की जमीन में बीज की उनकी क्षमता सही है तो भेज के मात्रा और भी कम कर सकते हैं अगर बीज उगने की क्षमता कम है तो बीच को बढ़ाकर 5 किलो तक कर सकते हैं।
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