केंद्र सरकार गेहूं के भाव को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को ही सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत 2,300 से 2,350 रु. प्रति क्विंटल बेचने की घोषणा की है। सरकार ने भारतीय खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं ई नीलामी प्रक्रिया के तहत बाजार में उतारा है।
भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार एफसीआई (FCI) के गोदामों से अगले 7 से 10 दिन के भीतर 20 लाख टन गेहूं और मार्केट में भेजा जाएगा। सरकार जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक सीमा तय कर सकती है, इस बात के भी संकेत हैं। सरकार ने यह भी तय किया है कि गेहूं के निर्यात पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा कि पिछले सीजन में मार्च में गर्मी पड़ने से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। इससे खरीदी 440 लाख टन से घटकर महज 188 लाख टन रह गई थी। उन्होंने बताया, इस साल मौसम ठीक होने से गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है। एक अनुमान के अनुसार उत्पादन 1100 लाख टन के पार जा सकता है।
सरकार उठा सकती है बड़े कदम
आटे की लगातार बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार 30 लाख टन गेहूं भंडार से निकालने के बाद कुछ और बड़े कदम उठाने जा रही है। सरकार अगले कुछ दिनों में 20 लाख टन गेहूं और मार्केट में उतारेगी। इस तरह 50 लाख टन की आपूर्ति से मार्केट में गेहूं के भाव में और गिरावट आने की उम्मीद है।
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में अभी विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित छह राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में सरकार की शीर्ष प्राथमिकता गेहूं और पेट्रोल की कीमतों पर काबू पाना है।
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