आलू की खेती हमारे देश की लगभग ज्यादातर हिस्सों में किया जाता है और आलू को खाने में हर कोई पसंद भी करता है। बता दें कि आलू की खेती करना किसानों के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है विशेष कर अब सर्दी का मौसम चल रहा है। और ऐसे में आलू की फसल की देखभाल सही तरीके से करना बहुत ही आवश्यक है नहीं तो उत्पादन में काफी गिरावट देखने को मिलती है। आइए जानें आलू की फसल में झुलसा रोग और पाला से बचाव कैसे करें
आलू की फसल में झुलसा रोग और पाला से बचाव कैसे करें
वर्तमान समय में आलू की फसल खेतों में सही तरह से हरी भरी खड़ी है। लेकिन अब इस वर्ष की अंतिम दिन यानी दिसंबर के लास्ट सप्ताह का दौर आरंभ हो चुका है और तापमान में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है ऐसे में किसान आलू की फसल सही तरीके से देखभाल करना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आलू की फसल में किसानों को ठंड में पाला जमने की स्थिति में नुकसान उठाना पड़ता है।
आलू की फसल में कौन सी बीमारी लगता है।
आलू की अच्छी पैदावार के लिए किसान आलू की फसल में अच्छी मेहनत करते हैं। लेकिन इस सर्दी के मौसम में उतना ध्यान नहीं दे पाते। बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख सह सीनियर डॉक्टर एके राय ने जानकारी देते हुए बताया कि आलू की फसल में इस सर्दी के मौसम में लेट ब्लाइट व अर्ली ब्लाइट नामक बीमारी का प्रकोप देखने को मिलता है।
जिस गांव देहात के लोग पाला मारना या झुलसा रोग भी कहते हैं। बता दें कि इसके चलते आलू की फसल में पौधे खराब होने लगते हैं और पतियों का रंग पीला पड़ने लगता है।
आलू की फसल को पाला से कैसे बचाएं
मौसम में अब लगातार सर्दी बढ़ रही है इसलिए किसानों को आलू की फसल को पाला से बचाना बहुत जरूरी होता है। पहले से बचने के लिए किसान आलू की फसल में सिंचाई कर सकते हैं जिससे पहले गिरने से बचाव होता है वहीं किसान भाई आलू की फसल में प्लास्टिक की चादर से ढक कर भी फसल को बचाया जा सकता है। और दिन में जब सूर्य निकले तब इसे हटा देना चाहिए। क्योंकि सूर्य के प्रकाश गर्मी उत्पन्न होती है और फसल की ग्रोथ में भी फायदा होता है।
झुलसा रोग आने से पहले दवा का इस्तेमाल
किसान साथियों झुलसा रोग अगर आपके फसल में अभी नहीं हुआ है तो मेंकोजेब या रिडोमिल 2.5 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी की दर से पहले ही स्प्रे द्वारा छिड़काव करें।
झुलसा रोग आने के बाद दवा का इस्तेमाल
जहां आलू की फसल में झुलसा रोग आ चुका है। ऐसे में किसान मैंकोजेब या साइमोक्सेनिल, फिनेमिडोन मेंकोजेब 3 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी की दर से फसल पर स्प्रे द्वारा छिड़काव करें और इसमें स्टिकर अवश्य डाल दें। और इस स्प्रे छिड़काव की प्रक्रिया को 10 दिन बाद और भी कर सकते हैं।
आलू की फसल में किसानों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और इन पौधों में आई बीमारी की सही कारण और समाधान जानने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर पौधों की जांच करवाना चाहिए ताकि इसका सही वास्तविक कारण पता चल सके क्या बीमारी है और सही उपचार कैसे हो सकता है।
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आज आपने जाना आलू की फसल में झुलसा रोग और पाला से बचाव कैसे करें। इसे ही आप और जानकारी के लिए सुपर मंडी भाव से जुड़े रहे।