उत्तर भारत में नरमा कपास की बुवाई काफी मात्रा में की जाती है। और यह खरीफ की नकदी फसल माना जाता है। लेकिन पिछले दो-तीन साल से हो रही बेमौसम बारिश और गुलाबी सुंडी पतंगों के कारण फसल में काफी नुकसान झेलने के बाद पंजाब के किसानों का रुख इस फसल की तरफ कम हुआ है। धान की फसल की तरफ रुचि ज्यादा देखने को मिली है। हालांकि हरियाणा और राजस्थान के किसानों ने बेमौसम बारिश होने से अन्य कम पानी वाली फसलों की जगह पर कपास की बिजाई ज्यादा होने की संभावनाएं हैं।
मार्च-अप्रैल में बारिश से नरमा कपास का रकबा में हुई वृद्धि
मौसम विभाग आईएमडी के अनुसार मार्च-अप्रैल अप्रैल में हरियाणा राजस्थान के इस वर्ष बारिश सामान्य बारिश से ज्यादा हुई । जिससे किसानों को कपास की बुवाई करने में काफी मदद मिली।
पंजाब में इस वर्ष कपास के क्षेत्रफल को बढ़ाने की सरकार के द्वारा काफी कोशिश की गई। लेकिन पिछले दो-तीन साल से हो रहे गुलाबी सुंडी बेमौसम बारिश से किसानों कम रुचि दिखाई दी है।
इस वर्ष राजस्थान और हरियाणा में नरमा कपास की बुवाई का रकबा में वृद्धि होने की संभावना है कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि पंजाब में बुवाई का रकबा कम हुआ वहीं हरियाणा और राजस्थान में रखवा में थोड़ी वृद्धि रहने से इस वर्ष कपास का रखवा लगभग समान रहने की उम्मीद है।
वर्तमान में राजस्थान व हरियाणा प्रदेश में चल रहे आंधी बारिश और ओलावृष्टि से भी नरमा और कपास की फसल प्रभावित हुई है। इसका नतीजा हमें आने वाले समय में पता लगेगा की फसल में कितना नुकसान हुआ है।
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