सोयाबीन भाव में में सुधार, क्या सोयाबीन में आगे आएगी तेजी, जानें सोयाबीन सप्ताहिक रिपोर्ट
Soyabean Ka Bhav: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार महाराष्ट्र सोलापुर 4760 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 4800 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सोयाबीन में मांग बनी रहने से +40 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ, ब्राजील में फसल खराब होने की चिता के कारण सोयाबीन और सोयामील की कीमतें बढ़ी।
दक्षिण रियो ग्रांडे डो सुल राज्य में 40% फसल बिना कटाई बाकी है। शुरुआती आकलन के मुताबिक 40-50 लाख टन फसल को नुकसान हुआ होगा। ब्राजील में बाढ़ की स्थिति के कारण इस सप्ताह सीबीओटी पर सोयामील वायदा 7.63% बढ़ा। एफओबी बाजार में सोयामील की कीमतों में बढ़त दिखा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयामील की कीमतों में मजबूती से भारतीय सोयाबीन और सोयामील की कीमतों को समर्थन मिला है। इस सप्ताह सोयाबीन प्लांट डिलिवरी कीमतें 50-75 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी।
महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट डिलीवरी कीमतें 40 रुपये/क्विंटल बढ़कर 4800 हो गई चूंकि स्थानीय सोयाबीन स्टॉक पर्याप्त बना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयामील की चाल सोयाबीन के लिए का मुख्य चालक बनी रहेंगी।
ब्राजील की फसल को हुए नुकसान की मात्रा और अर्जेटीना की फसल कटाई की प्रगति फोकस में रहेगी। अगले महीने से भारत की सोयाबीन बुवाई पर भी फोकस रहेगा।।
मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की है, इसलिए उम्मीद है कि बुआई समय पर शुरु हो जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि ब्राजील में बाढ़ से फसल को नुकसान सोयाबीन की कीमतों को स्थिर से मजबूत बनाए रख सकता है।
हालांकि, स्थानीय प्लांट डिलीवरी के लिए, बढ़त 5000 के स्तर के आसपास सीमित रह सकती है। लंबी अवधि में सोयाबीन की चाल सोयाबीन की बुआई की प्रगति, मानसून की गति पर निर्भर करेगी।
जैसा कि पिछली साप्ताहिक रिपोर्टी में पहले ही उल्लेख किया गया है, इस सीजन के अचे समय में सोयाबीन की कीमतें 4650-5000 के बीच रहने की उम्मीद है। सोयाबीन अब सिमित ट्रेडिंग रेंज में है, इसलिए 4650 की ओर किसी भी गिरावट को खरीदारी का अवसर माना जाना चाहिए, जबकि 5000 की ओर रिकवरी को मुनाफावसूली करने का। व्यापार अपने विवेक से करें।
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नोट 👉 आज आपने जाना क्या सोयाबीन में आगे आएगी तेजी (सोयाबीन तेजी मंदी रिपोर्ट) । किसी भी फसल का व्यापार करने से पहले एक बार अपने विवेक से व्यापार करें। क्योंकि आने वाली समय में फसल और मौसम कैसा रहेगा उन पर भी तेजी मंदी काफी हद तक निर्भर करती है। व्यापार में हानि होना हमारी जिम्मेवारी नहीं है।