बर्मा में तेजी आने के कारण एक बार फिर भारतीय बाजारों में आयातित और देसी अरहर में तेजी बन गई है।
Market Trend Update: सोलापुर में अरहर की कीमतें 300 रुपये तेज खुली हैं। बर्मा से चेत्रई पहुंच लेमन अरहर की कीमतें चालू सप्ताह में तेज हुई हैं, जिसकारण इसके आयात पड़ते महंगे हैं। इसीलिए आयातक इसके दाम तेज करना चाहते हैं, लेकिन मिलों का मांग समर्थन नहीं मिल पा रहा, जिस कारण तेजी टिेक नहीं पा रही है। ऐसे में बढ़ी हुई कीमतों में मुनाफा वसूली करते रहना चाहिए। आगामी दिनों में म्यांमार से लेमन की आवक बढ़ेगी, साथ ही सूडान से नई अरहर की शिपमेंट आयेगी।घरेलू बाजार में दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से खरीद कर रही है क्योंकि अरहर दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर ही है। उधर केंद्र सरकार लगातार दलहन की कीमतों की समीक्षा कर रही है। जानकारों के अनुसार देसी अरहर की आवक उत्पादक मंडियों में अभी बनी रहेगी। सोलापुर मंडी में देसी अरहर के भाव 9,500 से 11,200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। बर्मा में अरहर के भाव बढ़कर 1,345 डालर प्रति टन सीएनएफ हो गए हैं।
मोठ : बीकानेर मंडी में मोठ के भाव 6,200 रुपये प्रति व्विंटल पर स्थिर हो गए।
चना : दिल्ली में राजस्थान चना की कीमतें स्थिर बनी रही, जबकि मध्य प्रदेश के चना के भाव में 25 रुपये का सुधार आया है। व्यापारियों के अनुसार स्टॉकिस्ट चना के दाम तेज करना चाहते हैं, हालांकि केंद्र सरकार पीली मटर के आयात की अवधि को जून तक बढ़ा दिया है, जिससे इसका आयात बना रहेगा। हालांकि उत्पादक राज्यों में मौसम रहता तो मंडियों में चना की आवक अभी बनी रहेगी। तथा दाल मिलें केवल जरूरत के हिसाब से ही चना की खरीद कर रहे हैं। ऐसे में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि चालू सीजन में चना का उत्पादन अनुमान कम है।
दिल्ली में राजस्थान के नए चना के दाम 5,825 से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, इस दौरान मध्य प्रदेश के नए चना के दाम 25 रुपये बढ़कर 5,800 से 5,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चना की देनिक आवक 9 से 10 मोटर की हुई
उड़द : वर्मा से आयातित उड़द की कीमतें चेन्रई में डॉलर में स्थिर हो गई। जानकारों के अनुसार उड़द दाल में थोक एवं खुदरा में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि तेलंगाना के साथ ही आंध्र प्रदेश में उड़द की आवक बनी हुई हैं। केंद्र सरकार की सख्ती से उड़द की खरीद दाम मिलें केवल जरुरत के हिसाब से कर रही रही है। वैसे भी आगामी दिनों में म्यांमार से उड़द का आयात बढ़ेगा, वैसे भी म्यांमार में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। ऐसे घरेलू बाजार में स्टॉकिस्टों की सक्रियता से उड़द की कीमतों में हल्की तेजी तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार नहीं है। हालांकि आयात पड़ते अभी भी महंगे हैं। बर्मा से चेत्रई के लिए उड़द एसक्यू के दाम 1,150 डॉलर एवं एफएक्यूके 1,065 डॉलर प्रति टन,सीएडंएफ बोले गए।
मूंग : मूंग के भाव उत्पादक मंडियों में अभी भी स्थिर बने रहे। व्यापारी मूंग की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है। मौसम साफ है इसलिए उत्पादक राज्यों की मंडियों में मूंग की दैनिक आवक पहले की तुलना में बढ़ने लगी है, साथ ही खपत का सीजन होने के कारण मुंग दाल में मांग अभी बनी रहेगी, तथा मूंग का उत्पादन अनुमान कम होने की आशंका है। इसलिए इसके भाव में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। दाहोद मंडी में मुंग के दाम 7,000 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मसूर : देसी मसूर के दाम दिल्ली में 50 रुपये कमजोर हो गए। मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तरप्रदेश में मौसम अनुकूल रहा तो नई मसूर की आवकों में और बढ़ोतरी होगी। चालू रबी में मसूर के रिकार्ड उत्पादन का अनुमान है।
हालांकि बकाया स्टॉक कम होने के कारण पुरानी देसी मसूर की आवक उत्पाद कमंडियों में कम हो रही है, जबकि मसूर दाल में खपत राज्यों बिहार,बंगाल एवं असम की मांग बराबर बनी रहने की उम्मीद है। इसलिए इसके भाव में बड़ी तेजी के आसार नहीं है। दिल्ली में देसी मसूर के दाम 6, 300 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
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नोट 👉 आज आपने जाना मूंग, चना, मोठ, उडद आदि। किसी भी फसल का व्यापार करने से पहले एक बार अपने विवेक से व्यापार करें क्योंकि आने वाली समय में फसल और मौसम कैसा रहेगा उन पर भी तेजी मंदी काफी हद तक निर्भर करती है। व्यापार में लाभ या हानि के लिए हम जिम्मेवार नहीं है।