जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड होने के कारण पशुओं में दूध की कमी (Milk in Animals) होने लगी हैं इस वजह से किसान भाइयों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है पशु पालन व्यवसाय किसानों को जीवन व्यतीत करने का प्रमुख साधन है इस वजह से किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है इसी को देखते हुए राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्था करनाल द्वारा पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
पशुओं में दूध की कमी होने पर जानकारों द्वारा सलाह (Milk in Animals)
अनुसंधान संस्था के विशेषज्ञ ने बताया कि दुध देने वाले पशुओं (Milk in Animals) के शरीर को नार्मल पारा 101.2 डिग्री फारेनहाइट तक होता है इस तापमान को बनायें रखने के लिए पशुओं को संतुलित भोजन उपलब्ध कराना चाहिए. तथा पौष्टिक आहार व अच्छा तापमान में रखना आवश्यक है यदि आप पशुओं को संतुलित आहार व अच्छा तापमान उपलब्ध नहीं करवाएंगे तो पशु के दुध में कमी आ सकती है।
सर्दी से बचाव के तरीके
पशुओं को कड़ाके की ठंड (सर्दी) से बचने के लिए तुडी का प्रयोग आवश्यक करें। इससे पशुओं को ठंड से बचाव होता है। इस के अलावा पशुओं को मकान के अंदर रखे। ताकि पशु पर सर्द हवाओं को प्रभाव ना पड़े।
कड़ाके की ठंड में पशुओं को क्या-क्या खिलाए
NDRI निदेशक ने बताया कि सर्दी के मौसम में पशुओं को हरे चारे के साथ तुड़ा (भूसा) भी डालें। ताकि पशुओं में पेट संबंधी किसी भी प्रकार कि समस्या पैदा ना हो। इस अलावा पशुओं को गर्म पानी पिलाये । इसके अलावा दिन में धूप निकलने पर पशुओं को बाहर निकाले ताकि पशु का शरीर स्वस्थ बना रहे। Milk in Animals की समय समय पर देखभाल करें।
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नोट: पशुपालक किसी भी तरह की पशुओं में दिक्कत आने पर अपने आसपास के नजदीकी चिकित्स से भी संपर्क कर सकते हैं।