आज के समय में बहुत से ऐसे किस है जो परंपरागत खेती को छोड़कर नई खेती (Mushroom Farming) की ओर बढ़ रहे हैं जिससे उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हो सके। क्योंकि परंपरागत खेती में आज के समय खेती में खर्च ज्यादा है। और लाभ कहीं ना कहीं कम मिल रहा है। इसलिए आज हम आपको एक ऐसे ही किसान के बारे मे बताने जा रहे हैं। जिन्हें परंपरागत खेती को छोड़कर मशरूम की खेती को अपनाया जिससे आज भी सालाना लाखों रुपए में इनकम कर रहे हैं और अन्य लोगों को भी रोजगार का अवसर प्रदान किया है।
किसान ने शुरू की मशरूम की खेती। Mushroom Farming
समय की इस बदलते दौर में यूपी के हरदोई जिले के रहने वाले युवा किसान जिन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर मशरूम की खेती को अपनाया और सालाना अच्छी इनकम कमा रहे हैं। आज हम आपको बता रहे हैं उत्तर प्रदेश के रहने वाले हरदोई जिले के किस मोहन कुमार के बारे में जिन्होंने मशरूम की खेती Mushroom Farming को एक नई सोच के साथ और अपने परिश्रम और मार्केट में अपनी रुचि के हिसाब से अच्छा परिणाम प्राप्त किया।
मशरूम की खेती करने का तरीका क्या है ।Mushroom Farming
मशरूम की खेती करने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर महीने में आरंभ करना अच्छा रहता है क्योंकि इस महीने में मशरूम की खेती के लिए तापमान सही माना जाता है। बता दे की मशरूम की खेती के लिए एक घास फूस की झोपड़ी बनाया जाता है जिसमें एक लेयर बड़ी बेड तैयार किए जाते हैं और उसमें भूसा डालकर उसमें और अन्य सामग्री भी मिलाई जाती है। और इस प्रक्रिया को तीन-तीन दिन में पलटा जाता है और फिर उसमें तीन दिन बाद मशरूम का बीज डाला जाता है।
इसके अलावा मशरूम की खेती (Mushroom Farming) अगर कोई किस करना चाहता है और वह झोपड़ी के अलावा पक्के मकान में करना चाहता है तो उनके लिए उसे ठंड बनाने के लिए ऐसी लगाना पड़ेगा जो कि खर्च ज्यादा होता है।
मशरूम की खेती के लिए तापमान कितना आवश्यक
मशरूम की खेती के लिए अच्छे तापमान की बात करें तो इसमें तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच में रहना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि अधिक गर्मी होने के चलते इस की खेती करना संभव नहीं है।
किसान की सफलता ने और रोजगार के अवसर प्रदान किया
बता दें कि उत्तर प्रदेश की हरदोई जिले के रहने वाले मोहन मोहन कुमार का कहना है कि उन्होंने मशरूम की खेती (Mushroom Farming) से 20 से 25 लाख रुपए तक इनकम हासिल किया है। और उन्होंने बताया कि इस मशरूम की खेती की पूरी प्रक्रिया के दौरान उनके लगभग 10 से 15 लाख रुपए लागत हुआ है। और इनकम के साथ-साथ उनके द्वारा इस कार्य में 15 से 16 लोगों को रोजगार भी मिला है।
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