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Mustard price: आयातित खाद्य तेल कमजोर होने से सरसों की कीमतें में आई मंडी, देखें तेजी मंदी रिपोर्ट

इस वर्ष सरसों की चालू रबी सीजन में शुरुआत में ही सरसों के गिरते हुई कीमतों को लेकर किसान चिंतित है। इस बार किसानों को सरसों के भाव एमएसपी से नीचे मिल रहे हैं। बुधवार को सरसों के भाव में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से घरेलू बाजार में भी गिरावट देखने को मिली। जयपुर सरसों कंडीशन का भाव 5701 रु प्रति क्विंटल 24 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट। सरसों तेल एक्सपेलर और कच्ची घानी क्रमश 1084 रु व 1094 रुपए प्रति दस किलो 10 रुपए गिरावट और खल 2505 रुपए पर स्थिर रहे है।

विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के दाम में दबाव बना हुआ है जिससे घरेलू बाजार में भी तेल मिले अपनी जरूरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही है। जिस कारण सरसों की कीमत में सीमित तेजी, मंदी बने रहने का संभावना है।

वर्तमान में चल रही वैश्विक बैंकिंग संकट के चलते बढ़ती चिंताओं के बीच अन्य खाद्य के साथ-साथ कच्चे तेल के दाम में बड़ी गिरावट देखने को मिली जिस कारण मलेशिया क्रूड पाम तेल सीपीओ वायदा बुधवार को 3% से ज्यादा घटकर 5 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ है

जानकारों के मुताबिक अभी मजबूत फंडामेंटल के बावजूद विश्व बाजार में मंदी की धारणा से कीमतें कमजोर हुए हैं, साथ ही फेड की ओर से ब्याज दर के फैसले पर अनिश्चितता से परेशानी बढ़ रही है।

बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जून डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 117 रिंगिट यानी 3.09 फीसदी की गिरकर आकर भाव 3,667 रिंगिट प्रति टन रह गए, जोकि 13 अक्टूबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 3 फीसदी घटकर बंद हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 3.7 फीसदी तक कमजोर हो गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.18 फीसदी गिर गईं।

व्यापारियों के मुताबिक सरसों उत्पादक राज्य में हाल-फिलहाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल को नुकसान देखने को मिला है लेकिन आयातित खाद्य तेलों की कीमत में भी कमजोर होने से सरसों भाव में मंदी आया है।

इस वर्ष सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपए है लेकिन पिछले 2 वर्ष में किसानों को सरसों की कीमत में अच्छा मिलने के कारण सरसों बुवाई का रकबा बढ़ा। फिलहाल सभी परिस्थितियों को देखते हुए सरसों में बड़ी गिरावट की संभावना कम है। सरसों बाजार समिति तेजी मंदी में कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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