इस साल किसानों और व्यापारी को नई फसल में तेजी की जो उम्मीद थी । स्थिति उसके विपरीत हुई हैं। शनिवार को तेल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में लगातार दूसरे दिन सरसों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
जयपुर में सरसों कंडीशन (mustard price) के भाव 100 रुपए कमजोर हो कर 5625 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान देश की सभी मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर होकर 8.25 लाख बोरियों की हुई ।
तेल मिलों की मांग
व्यापारियों के मुताबिक दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होने के साथ ही तेल मिलों की कमजोर मांग से लगातार दूसरे दिन सरसों के भाव में मंदा आया। उत्पादक मंडियों में सप्ताह भर में ही इसके दाम करीब 500 से 525 रुपये प्रति क्विंटल तक कमजोर हो चुके हैं। राजस्थान की भरतपुर मंडी में सरसों के दाम घटकर 5200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दैनिक आवक बढ़ी
जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2023 -24 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्यए एमएसपी 5450 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। जानकारों की मानें तो सरसों के उत्पादक राज्यों में मौसम साफ बना हुआ है, जिस कारण आगामी दिनों में सरसों की दैनिक आवक और भी बढ़ेगी।
तेजी या मंदी (Mustard Price)
चालू रबी सीजन में जहां सरसों के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, वहीं उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है। इसलिए सरसों की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। सरसों में फिलहाल तेजी की उम्मीद कम है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची मानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शनिवार को 29.29 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1113 रुपये और 1103 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल की कीमतें लगातार तीसरे दिन 10 रुपये घटकर 2365 रुपये प्रति क्विटंल के स्तर पर आ गई। व्यापार अपने विवेक से करें। किसी भी फसल में तेजी या गिरावट आने वाली समय की मांग पर निर्भर करती हैं।