सरसों सोयाबीन तुवर चना मुंग उड़द मसूर सभी का भविष्य सरसों का भाव।सोयाबीन के भाव। देशी चना का भाव। हर रोज हमारी वेबसाइट पर ताजा खबर और भाव देखें
मसूर के भविष्य
मसूर की बिजाई चारों तरफ हो चुकी है। किसानों द्वारा ऊंचे भाव देखकर बिजाई अधिक किया है, लेकिन नई फसल 15 फरवरी के बाद ही आ पाएगी। उधर कनाडा में भाव बढ़ाकर बोलने लगे हैं, जिससे नीचे के भाव से एक सप्ताह के अंतराल 100 रुपए बढ़कर बिल्टी में मसूर यहां 6950 रुपए तथा कनाडा की मसूर जो 6550 रुपए बिकी थी, उसके भाव 6675 रुपए बोलने लगे हैं तथा यहां से बाजार 100 रुपए और तेज लग रहा है।
उड़द का भविष्य
गत सप्ताह उड़द में चेन्नई से आयातक लगातार घटाकर माल बेचने लगे हैं, जिसके चलते बाजार घटकर यहां एसक्यू का 8200 रुपए तथा एफएक्यू का 7100 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। चेन्नई से 8150 रुपए का पड़ता लग रहा है, इसे देखते हुए कारोबारियों में तेजी की धारणा समाप्त कर चुके हैं, लेकिन मंडियों में स्टॉक ज्यादा नहीं है तथा दाल मिलें भी जरूरत के अनुसार ही माल लेकर चल रही हैं, इन परिस्थितियों में आगे की तेजी-मंदी दाल धोया एवं छिलका पर निर्भर करेगी। फिलहाल घरेलू फसलों में कोई दम नहीं है, विदेशी माल के भाव जिस तरह चल रहे हैं, उसी पर यहां भी व्यापार चलेगा।
मूंग का भविष्य
मूंग में छिटपुट समर्थन मूल्य पर सरकार भी राजस्थान में कुछ माल खरीद रही है। राजस्थान के अलावा और किसी भी राज्य से कोई पड़ता नहीं है। केवल वर्तमान में दहशत से सभी दलहनों में मंदा आ गया है, उसका प्रभाव मूंग के व्यापार पर भी मंदे के रूप में पड़ा है। इसका स्टाक किसी भी मंडी में नहीं है तथा मेड़ता, बीकानेर, खाटू लाइन से भी आज मूंग की आवक कम रही, इसे देखते हुए वर्तमान की गिरावट टेंपरेरी समझना चाहिए, आगे चलकर बाजार बढ़ जाएगा।
काबली चना का भविष्य
उत्पादक मंडियों में काबली चने का स्टॉक ज्यादा नहीं है। दूसरी ओर किसी भी दूसरे देश से आयात का पड़ता नहीं है। पिछले सप्ताह की आई भारी तेजी के बाद मुनाफावसूली बिकवाली से बाजार घट गए, लेकिन यहां से और मंदे की गुंजाइश नहीं है। काबली चना आने में अभी पूरा साढ़े तीन महीने से अधिक का समय लगेगा। बिजाई चौतरफा पूरी हो चुकी है, उससे पहले महाराष्ट्र काबली चना 100 रुपए प्रति किलो को पार कर सकता है।
देसी चना का भविष्य
गत सप्ताह सरकारी चना, मिलों में हल्का उतरने तथा बढ़िया की दाल मिलों की मांग निकलते ही राजस्थानी चना 100 रुपए बढ़कर 4950 रुपए प्रति क्विंटल हो गया देसी घने की बिजाई चौतरफा कम होने की खबरें आ रही है। तथा पुराना स्टाक मंडियों में बहुत ज्यादा नहीं है। सरकार द्वारा महंगाई को रोकने के लिए बिकवाली की जा रही है, लेकिन अब क्वालिटी हल्की आने से बढ़िया दाल बनाने वाले प्राइवेट गोदामों के चने खरीद रहे हैं। यही कारण है कि राजस्थानी चना एक सप्ताह में 100 रुपए बढ़कर 4950 रुपए प्रति क्विंटल लारेंस रोड पर खड़ी मोटर में बिक गया। गवर्नमेंट की सप्लाई कभी भी कम होते ही बाजार और छलांग लगा जाएंगे।
तुवर का भविष्य
तुवर का स्टाक कम है, लेकिन वर्तमान में चेन्नई में आयातकों की बिकवाली आने से बाजार 100 रुपए टूटकर 7000/7050 रुपए प्रति क्विंटल लेमन का रह गया है। वास्तविकता यह है कि नई फसल आने में अभी पूरा 2 महीने का समय लगेगा तथा केवल घबराहट में यह मंदा आया है। चेन्नई में भी निकट भविष्य में कोई माल उतरने वाले नहीं हैं, जो हाजिर में माल है, उसको बड़े सटोरिए बेचकर पीछे से माल पकड़ना चाह रहे हैं। अतः यहां से फिर बाजार तेज लग रहा है। वर्तमान के यहां 7375 रुपए की लेमन तुवर में व्यापार करना चाहिए।
सोया तेल का भविष्य
गत एक सप्ताह के अंतराल 700/800 रुपए प्रति क्विंटल की थोक में गिरावट के बाद 200/300 रुपए की मजबूती आ गई है तथा इसी लाइन पर 200/300 रुपये प्रति क्विंटल और बढ़कर बाजार बढ़कर ठहर जाएंगे। वास्तविकता यह है कि वितरक मंडियों में ग्राहकी कमजोर है, केवल सट्टेबाजी के चलते बाजार नीचे आने के बाद थोड़ा मजबूती लिए बंद हुए हैं। अत: बढ़े भाव पर माल बेचना चाहिए।
सरसों का भविष्य
राजस्थान की मंडियों में सरसों के भाव 6950 से घटकर 6875 रुपए प्रति क्विंटल नीचे में बिकने के बाद फिर से 7000 रुपए 42त्न कंडीशन की सरसों जयपुर पहुंच में हो गई है। सरसों की आवक 1300/1400 बोरी दैनिक हो रही है। लॉरेंस रोड पर सरसों के भाव 6650 रुपए बिकने के बाद 6800 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। स्टाक चारों तरफ प्रचुर मात्रा में पड़ा हुआ है, इसलिए लंबी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए।
तेल सरसों
कांदला में सीपीओ के भाव सुधरते ही खाद्य तेलों में घरेलू मांग बढ़ गई, इसके प्रभाव से सरसों तेल भी 14600 रुपए प्रति क्विंटल जयपुर में जीएसटी अतिरिक्त बिकने के बाद नीचे में 14000 रुपए बनकर 14340 प्रति क्विंटल हो गया है। यहां भी उसी क्रम में घटबढ़ कर बाजार आज में 14300 रुपए बोलने लगे हैं तथा यहां से लंबी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए। वर्तमान के बढ़े हुए भाव में तेल में भी भंसाली बिकवाली में आने लगे हैं, इन परिस्थितियों में 200 रुपए और बढ़ने के बाद बाजार बैक मार सकता है।
तेल बिनौला का भविष्य
हालांकि तेल बिनौला में वनस्पति मिलों की मांग अच्छी चल रही है, क्योंकि आगे शादियों में यूपी-बिहार में वनस्पति घी की खपत अधिक रहती है, इन सब के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य तेलों के भाव पड़ते में आयातकों को मिल रहे हैं, इन परिस्थितियों से 200/300 रुपए प्रति क्विंटल की थोक में और बढ़त के बाद तेजी रुक जाएगी तथा वर्तमान की तेजी में माल बेचना चाहिए।
सोयाबीन का भविष्य
आने वाले छः-सात दिनों में सोयाबीन की तेजी-मंदी सीमित ही बनी रहने की आस है बढ़ी हुई कीमत पर प्लांटों की लिवाली कमजोर पड़ने से गत सप्ताह जलगांव में सोयाबीन मामूली 50 रुपए नरम होकर 5700 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। हालांकि सप्ताहांत में इसमें 50 रुपए की तेजी आई थी। निवेशकों की लिवाली कमजोर पड़ने से सीबॉट का प्रोजेक्शन 22 प्वाईंट माइनस में होने जबकि केएलसीई के सक्रिय तिमाही पाम तेल वायदा में 21 रिंगिट प्रति टन की तेजी आने की सूचना मिली। आगामी हफ्ते में हाजिर में सोयाबीन की तेजी-मंदी सीमित दायरे में ही बनी रहने की उम्मीद है
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