हमारे देश आए दिन प्रदूषण बढ़ रहा है। इन दोनों धान की फसल कटाई का दौर आरंभ हो चुका है। वहीं किसानों के द्वारा फसल अवशेष पराली जलाने के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। हालांकि बीते सालों से पराली जलाने कमी देखने को मिली हैं लेकिन फिर भी कई केस हर साल आते हैं। सरकार किसान अपनी फसल बचे हुए अवशेष को कृषि यंत्रों द्वारा से निपटारा करे इस लिए किसानों को सरकार के द्वारा प्रति एकड़ ₹1000 दिए जा रहा है।
पराली प्रबंधन करने पर सरकार दे रही है प्रति एकड़ 1000 रुपए
हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए प्रति एकड़ ₹1000 प्रणाली प्रबंधन करने के लिए दिया जा रहा है बता दें कि किसान पराली प्रबंधन के लिए 30 नवंबर 2023 तक विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म जमा करवाए। अच्छी फसल के लिए भूमि उर्वरा शक्ति को बचाया जा सकता है और साथ ही धान की पराली से पशुओं के लिए चारे के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसलिए सरकार के द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
वही बता दे कि जिन किसानों के द्वारा पराली जलाने के संबंध में मिलता है उनकी जानकारी गांव के नंबरदार चौकीदार की सहायता के साथ ग्राम सूची हुए पटवारी के द्वारा आगजनी की घटनाओं से जुड़ी हुई जुर्माना राशि जोड़ी जाएगी। और जो किसान फसल निकालने के बाद अवशेष बचे हुए में जलते हुए मिलता है उनको समाचार पत्रों में भी प्रकाशित किया जाएगा। बता दे कि इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार के द्वारा जीपीएस के माध्यम से पराली जलाने के मामलों की भी पहचान प्रशासन के द्वारा की जाएगी।
सरकार के द्वारा अधिकारियों की टीम में भी बनाई गई है ताकि किसानों को इसके प्रति जागरूक किया जाए और प्रलय जलने वाले किसानों की निगरानी भी रखी जाएगी।
जो किसान फसल निकालने पर अवशेष जलाते मिलता है। उनके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।
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