नमस्कार दोस्तों, नवरात्रि का त्योहार शुरू हो गया है और नवरात्रि का नवरात्रि का त्योहार शुरू होते हैं, यूपी और कुशीनगर में केले के डिमांड आसमान छूने लगती है। कश्मीर से लेकर पंजाब तक इस खास के लिए की सप्लाई में काफी तेजी से बढ़ रही है। कुशीनगर के किले अपने मिठास और बेहतरीन क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं। जो इसको हर किसी की पहली पसंद बनते हैं। योगी सरकार की “एक जिला एक उत्पाद योजना (ODOP)” के तहत ख़ुशीनगर के के केले को प्रमोट किया जा रहा है। जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ गई है। खासकर नवरात्रि जैसे बड़े त्यौहार में इस केले की बंपर मांग देखी जा रही है
त्योहारी सीजन जैसे दशहरा, छठ पूजा के दौरान कुशीनगर में केले की बिक्री अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाती है। किसान अपने खेतों से सीधे देश के बड़े शहरों से दिल्ली, मेरठ, चंडीगढ़ और लुधियाना तक केले की सप्लाई करते हैं। जिससे किसानों की आमदनी भी काफी बढ़ जाती है।
कुशीनगर का केला
कुशीनगर, जो एक महापरिनिर्माण की धरती के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के अकेले अपनी उच्चतम क्वालिटी के लिए काफी मशहूर है।और इसके साथ ही योगी सरकार द्वारा “एक जिला एक उत्पाद योजना (ODOP)” के तहत कुशीनगर के खेलों को भी शामिल करने से, इसका क्रेज और भी ज्यादा बढ़ रहा है। जिसके तहत कुशीनगर का केला अब पंजाब, दिल्ली, मेरठ, चंडीगढ़, लुधियाना और कश्मीर जैसे बड़े पैमाने पर सप्लाई कराया जा रहा है। नेपाल और बिहार के लोग कुशीनगर के किले के दीवाने हैं। और दिन, प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ती नजर आ रही है।
केले की खेती का बढ़ता दायरा
कुशीनगर के किले की खेती लगातार बढ़ रही है। पहले जहां साल 2007 में यहां केवल 500 हेक्टेयर में केले की खेती होती थी। वहां अब 2024 में इसकी खेती बढ़कर 1600 हेक्टर हो गई है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी केंद्र अशोक राय के अनुसार जिले के किसान की जी-9 और रोबेस्ट जैसी किस्म की खेती करते हैं। जी-9 किस्म खाने के लिए और रोबस्टा किस्म सब्जी के रूप में इस्तेमाल होती है। कुशीनगर के किले गुणवत्ता और सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान से किसानों का रुझान इस और काफी तेजी से बढ़ रहा है। और आगे इसकी और भी बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है।
इसके अलावा ODOP योजना के बाद, कुशीनगर के केले से जुड़ी नई पहले भी शुरू हो गई है। कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं केले से जूस, चिप्स, आटा, आचार और तने से रेशा निकालकर चटाई चप्पल जैसे समान बना रहे हैं। यह न केवल किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन रहा है। यह अपने स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए-नए अफसर को भी पैदा कर रहा है।
गोरखपुर मंडल में भी किले की डिमांड
गोरखपुर मंडल, जो कुशीनगर से जुड़ा हुआ है, वह केले के प्रमुख बाजारों में से एक है। यहां की मंडी से शुरू होकर कुशीनगर के किले की लोकप्रियता गोरखपुर के व्यापारियों के जरिए कश्मीर, पंजाब और दिल्ली तक पहुंचाई जाती है। गोरखपुर के व्यापारियों का कश्मीर और पंजाब के व्यापारियों से संबंध होने के कारण यहां के केले को नई-नई मंडियो में पहुँचाया जाता है। अब कुशीनगर का केले दिल्ली, गाजियाबाद, चंडीगढ़, लुधियाना और कानपुर तक आसानी से पहुंच रहा है।
नवरात्रि और त्यौहारी सीजन में केले की रिकॉर्ड तोड़ मांग
केले की खेती के लिए नवरात्रि से लेकर छठ पूजा तक बिक्री के लिहाज़ से महत्वपूर्ण समय होता है। क्योंकि इन त्योहारों के सीजन पर केले के दिन डिमांड काफी बढ़ जाती है। खासकर उत्तर भारत मे। किसान इस समय अपने उत्पाद को बड़े शहर में कमीशन एजेंट के जरिए भेजते हैं और जिससे उनके इनकम में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।