Mustard Seed: हमारे देश में रबी सीजन की प्रमुख फसलों में से सरसों और गेहूं को माना जाता है। हमारे देश में सरसों की बुवाई राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात,उत्तर प्रदेश राज्य में बोई जाती है। इस आधुनिक बदलते समय के साथ-साथ तकनीकी रूप से भी अन्य चीजों का विकास हो रहा है। बता दें कि हरियाणा के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों के लिए सरसों की नई वैरायटी RH -1975 को विकसित किया गया है।
सरसों की नई किस्म आरएच-1975 (RH-1975)
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह किस सिंचित क्षेत्र में वह सही समय पर बुवाई होने पर अच्छा उत्पादन मिलता है। जिसका उत्पादन आरएच -749 किस्म से उत्पादन करीब 12% ज्यादा मिलेगा। आज हम आपको सुपर मंडी भाव में बताएंगे सरसों की नई किस्म RH-1975 (New Mustard Veriety) के बारे में पूरी जानकारी
उत्पादन मिलेगा 12% अधिक
जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह हरियाणा के वैज्ञानिक कौन है RH-749 सरसों की किस्म वर्ष 2013 में लॉन्च किया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों की अच्छी उत्पादन को बेहतर करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत पिछले 10 वर्ष के बाद RH-1975 को विकसित किया गया है जो सरसों का बीज किसानों को अगले वर्ष से मिलना आरंभ होगा। इस किस्म को लगाने पर किसानों को अन्य वैरायटी के मुकाबले 12% ज्यादा उत्पादन मिलेगा जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
सरसों की नई किस्म कहां कहां होगी बिजाई
New Mustard Variety RH-1975 : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर बी आर कम्बोज ने जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उपमहानिदेशक डॉक्टर टीआर शर्मा के द्वारा सरसों के नई किस्म RH-1975 का सिंचाई योग्य भूमि में सही समय पर बिजाई के लिए उपयुक्त माना गया है। सरसों की नई वैरायटी के लिए पंजाब, राजस्थान, हरियाणा जम्मू और दिल्ली के सिंचाई करने वाली जमीन में उपयुक्त माना गया है।
कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक सरसों की इस किस्म का औसत उत्पादन 14 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देने की क्षमता है। और इस किस्म में 40% तेल की मात्रा होगी। और ओसत उत्पादन 11 से 12 एकड़ प्रति क्विंटल बताया गया है। जिसके चलते किसानों को अधिक उत्पादन और मुनाफा कमाने वाली साबित होगी।
बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान के निदेशक डॉक्टर जीतराम शर्मा ने कहा कि वर्ष 2022 में भी सरसों की नई किस्म विकसित की गई थी जिसका उत्पादन एक एकड़ में 10 से 12 क्विंटल होता है। वर्ष 2022 में सरसों की दो नई किस्म RH-1706 और RH-1424 को विकसित किया गया था। साल 2018 में भी नई किस्म आरएच-725 को विकसित किया गया था।
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