हरित ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा: के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य में सौर ऊर्जा नीति-2019 बनायी गई। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं सौर ऊर्जा आधारित संयंत्रों को स्थापित करने की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिनके परिणाम स्वरूप वर्तमान में राजस्थान की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 16060 मेगावाट तक हो गयी है ।
सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल : भौगोलिक परिस्थितियां होने के कारण सौर ऊर्जा नीति के तहत प्रदेश में सन् 2024-25 तक 30 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता की परियोजना को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है ।
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उर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस पहल के कारण पूरे देश में राजस्थान एक मॉडल स्टेट बन चुका है। प्रदेश में वर्तमान में 16 हजार 60 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन
किया जा रहा है। साथ ही 4 हजार 576 मेगा वाट पवन ऊर्जा, 125 मेगा वाट बायोमास ऊर्जा एवं 24 मेगा वाट लघु हाइड्रो ऊर्जा का उत्पादन भी किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में देश में पहले पायदान पर है और अक्षय ऊर्जा के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।जिसके अंतर्गत प्रदेश में विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क 2245 मेगावाट क्षमता का जोधपुर के भडला में, 925 मेगावाट क्षमता का जैसलमेर के नोख में एवं 750 मेगा वाट क्षमता का फलोदी- पोकरण में सोलर पार्क विकसित किए गए हैं, जिनके माध्यम से बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है ।
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पीएम-कुसुम योजना में भी अव्वल है राजस्थान : भाटी ने बताया कि देश में प्रधानमंत्री कुसुम योजना में भी प्रदेश सभी राज्यों में पहले पायदान पर हैं। देश में इस योजना के अंतर्गत पहला सोलर ऊर्जा पावर प्लांट भी राजस्थान में ही जयपुर जिले के कोटपुतली तहसील के भालोजी गांव में 3.50 एकड़ जमीन पर 3.70 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया था। प्रदेश में कुसुम योजना के अंतर्गत स्कीम में अब तक 45 सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इन ऊर्जा प्लांटो की मदद से वर्तमान में 60.5 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है ।