AdBlock Detected

It looks like you're using an ad-blocker!

Our team work realy hard to produce quality content on this website and we noticed you have ad-blocking enabled.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now
Join Google News Join Now

 

सरसों तेल, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, तुवर, चना, मटर, मसूर, उड़द, मुंग, जीरा और सौंठ का भाव आगे बढ़ेगा या घटेगा 

किसान भाइयों सरसों तेल, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, तुवर, चना, मटर, मसूर, उड़द, मुंग, जीरा और सौंठ का भाव आगे बढ़ेगा या घटेगा 

 

Contents
किसान भाइयों सरसों तेल, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, तुवर, चना, मटर, मसूर, उड़द, मुंग, जीरा और सौंठ का भाव आगे बढ़ेगा या घटेगा सौंठ में बिकवाली करते रहिएकाली मिर्च भाव भविष्य में बाजार तेज रहेगाजीरा भाव में अभी और मंदा रहेगाराजमां चित्रा में आगे घटने की गुंजाइश नहींमूंग भाव में कुछ दिन मंदा नहींउड़द में आगे ज्यादा घट-बढ़ नहींमसूर स्टॉकिस्टों की लिवालीमटर में अधिक आयात से दहशतकाबुली चना का देश विदेश में उत्पादन अधिकदेसी चना में इस बार मंदा नहीं रहेगातुवर भाव करेक्शन के बाद फिर बढ़ेगीगेहूं भाव नए गेहूं से तेजी नहींमक्की में आगे मंदा जारी रहेगासोयाबीन में तेजी की उम्मीदसरसों तेल में कितना तेज होगा या मंदा

 

सौंठ में बिकवाली करते रहिए

19 अप्रैल सागर एवं कोचीन लाइन में सौंठ की आवक घट गई है तथा पुराना माल भी कारोबारियों के पास ज्यादा नहीं है। व्यापारी वर्ग का मानना है कि अदरक के ऊंचे भाव होने से सौंठ कम बन रही है। दूसरी ओर चिप्स माल में जबरदस्त तेजी आ गई है, जिससे सागर लाइन की सौंठ की बिक्री बढ़ गई है, इन परिस्थितियों में वर्तमान भाव पर मुनाफा तो एक बार कमाना चाहिए। आज भी 5 रुपए और बढ़कर 385/425 रुपए प्रति किलो क्वालिटी अनुसार भाव हो गए

 

काली मिर्च भाव भविष्य में बाजार तेज रहेगा

काली मिर्च 19 अप्रैल दक्षिण भारत की मंडियों में काली मिर्च की उत्पादकों के माल की आवक घट गई है, जिसके चलते उत्तर भारत के पड़ता नहीं लग रहे हैं। इसके अलावा वहां से दूसरे देशों में जाने वाली काली मिर्च कम जा रही है तथा भारतीय काली मिर्च काफी नीचे आ गई है, जिससे यहां से निर्यात के अवसर भविष्य में दिखाई देने लगे हैं। फलतः कोचीन से उत्तर भारत की किसी भी मंडी के लिए पड़ता नहीं लग रहा है। यहां नीचे वाले भाव में ग्राहकी निकलने लगी है। वहीं कोचीन में थोड़ा बाजार मजबूत बोलने लगे हैं। आज की तारीख में हल्की क्वालिटी की काली मिर्च 660/665 रुपए प्रति किलो कोचीन से यहां आकर पड़ रही है। बढ़िया क्वालिटी का माल 670 रुपए से कम में नहीं मिल रहा है, जबकि यहां उन मालों के भाव 10 रुपए नीचे चल रहे हैं।

जीरा भाव में अभी और मंदा रहेगा

जीरा 19 अप्रैल गत सप्ताह के अंतराल डिब्बे में सटोरियों की चौतरफा बिकवाली चलने से एक बार मंदे का दलदल बन गया है। जो जीरा 2 दिन पहले 260/265 रुपए प्रति किलो ऊंचे में बिक रहा था, उसके भाव 250/255 रुपए प्रति किलो रह गए। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जीरे के नीचे भाव आने से निर्यात ऊंझा लाइन से घट गया है। अतः अभी और गिरावट रहेगी।

 

राजमां चित्रा में आगे घटने की गुंजाइश नहीं

राजमां चित्रा 19 अप्रैल पुणे सतारा वारसी लाइन का राजमां इस समय अधिक बिक रहा है, क्योंकि देसी विदेशी माल का अंतर काफी बढ़ गया है। यहां 90/92 रुपए प्रति किलो के भाव से बारसी लाइन का वरुण माल बिक रहा है, इसी माल की खपत है। अभी आगामी एक महीने तक पड़ते में माल बिकेगा, जिससे चीन में तेजी निकट में आने वाली नहीं है, लेकिन जो माल 120/122 रुपए के आसपास मुंबई कंटेनर के बिक रहे हैं, इसमें दूरगामी परिणाम बहुत तेज रहने वाला है। यहां भी 123/125 रुपए के राजमां में रिस्क नहीं है, लेकिन तेजी आने में थोड़ा टाइम लगेगा।

मूंग भाव में कुछ दिन मंदा नहीं

मुंग 19 अप्रैल उत्पादक मंडियों में मूंग का प्रेशर नहीं है, लेकिन जो माल स्टॉक में पड़ा है, उसकी बिक्री भी बहुत ज्यादा नहीं है। पिछले दो-तीन दिनों में नरमी के बाद 8400/8800 रुपए प्रति क्विंटल के बीच अलग-अलग क्वालिटी की यहां बिक रही है, जो माल नरेला राई कुंडली में उतर रहा है। दाल मिल वाले पड़ते में खरीद रहे है, नई फसल महीने के अंत में आने लगेगी। अतः अब लंबी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए।

उड़द में आगे ज्यादा घट-बढ़ नहीं

उड़द 19 अप्रैल यद्यपि उड़द पाइप लाइन में ज्यादा नहीं है, लेकिन दाल छिलका एवं धोया की बिक्री अनुकूल नहीं होने से हाजिर माल में ज्यादा घट-बढ़ नहीं लग रहा है। गौरतलब है कि उड़द शॉर्टेज में होने से 2 दिन पहले 10050 रुपए प्रति कुंतल बिक गई थी, लेकिन बढ़े भाव में दाल मिलों की पकड़ ढीली पड़ने से पुनः घटकर 10000 रुपए रह गई है, जबकि छोटे माल स्टॉक में नहीं है तथा चेन्नई में भी ज्यादा उतरने वाला नहीं है, उन मालों में छिलका व धोया के पड़ते मोटे माल की अपेक्षा बढ़िया लग रहे हैं, जिससे उसके भाव 9700/9725 पर पूर्ववत मजबूत बने हुए हैं। अब यहां से ज्यादा घट-बढ़ नहीं लग रही है, लेकिन माल की कमी से मंदा बिल्कुल नहीं लग रहा है।

मसूर स्टॉकिस्टों की लिवाली

उड़द 19 अप्रैल मसूर का इस बार उत्पादन अधिक हुआ है, लेकिन नीचे भाव आते ही स्टॉकिस्टों की लिवाली बढ़ गई है, जिसके चलते मुंगावली गंज बासौदा सागर भोपाल एवं बीनागंज लाइन में अधिकांश मंडियों में माल कम ला रहे हैं। वहीं कच्ची मंडियां के कारोबारी भी माल रोकने लगे हैं तथा यूपी हरियाणा दिल्ली के कारोबारी भी मसूर के स्टॉक में आ गए हैं जिससे बिल्टी में मसूर यहां 6300/6310 रुपए प्रति कुंतल से नीचे नहीं जा रही है। गत 5-7 दिन पहले बिल्टी में 6250 तक व्यापार हो गया था, लेकिन मंडियों में आवक में कमी से अभी घटने की गुंजाइश नहीं है, लेकिन सीजन के भाव रिस्की लग रहे हैं। कनाडा की मसूर भी 6200/6225 रुपए बिक रही है।

मटर में अधिक आयात से दहशत

मटर 19 अप्रैल मटर का दबाव उत्पादक मंडियों में बिजाई जिस हिसाब से हुई थी, उस हिसाब से अब नहीं है, लेकिन 31 मार्च तक मटर का आयात 12-13 लाख में टन हो चुका है। आगे अप्रैल के अंत तक आयात और होने की संभावना है, इसे देखते हुए मटर सस्ती होने के बावजूद भी अब डर बनने लगा है। अतः वर्तमान भाव में एक बार मुनाफा मिले, तो माल बेचते रहना चाहिए। हम मानते हैं कि सभी दालों में मटर की दाल सस्ती बिक रही है, जिससे पूर्वी भारत की मांग अच्छी चल रही है, लेकिन यदि सरकार आयात पर कोई परिवर्तन नहीं करती है, तो लम्बी तेजी में भी संदेह पैदा होने लगा है।

 

 

काबुली चना का देश विदेश में उत्पादन अधिक

काबुली चना 19 अप्रैल काबुली चने का उत्पादन इस बार महाराष्ट्र कर्नाटक आंध्र प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में जबरदस्त हुआ है। यही कारण है कि ऊपर के भाव से बाजार लगातार टूटे जा रहा हैं। बाजारों में ग्राहकी की भारी कमी बनी हुई है, यहां महाराष्ट्र के माल 83/87 रुपए प्रति किलो क्वालिटी के अनुसार बिक रहे हैं। कुछ बढ़िया माल 88 रुपए भी बोल रहे हैं, कर्नाटक मध्य प्रदेश के छोटे-मोटे माल भी उसी हिसाब से घटाकर बोल रहे हैं। बाजारों में ग्राहकी काफी कम है तथा बिकवाली का प्रेशर है, इसे देखते हुए अभी तेजी की गुंजाइश नहीं है।

देसी चना में इस बार मंदा नहीं रहेगा

देशी चना 19 अप्रैल देसी चने का उत्पादन चौतरफा कम हुआ है जिसका मंडियों में आवक का दबाव नहीं बन पा रहा है तथा सरकारी माल की बिक्री भी इस समय बंद हो गई है, जिससे जो माल आ रहा है, वह बिकता जा रहा है। हम हम मानते हैं कि बाजारों में बेसन एवं दाल की बिक्री अनुकूल नहीं है तथा स्टॉकिस्ट भी डरे हुए हैं, जिससे फिलहाल लंबी तेजी तो नहीं है, लेकिन वर्तमान भाव के चने 6300 रुपए में रिस्क भी नहीं लग रहा है। लॉरेंस रोड पर 6300 का घर टूटना मुश्किल लग रहा है। यदि इस पर माल मिले तो, खरीदना चाहिए।

तुवर भाव करेक्शन के बाद फिर बढ़ेगी

तुवर 19 अप्रैल महाराष्ट्र की फसल में पोल आने के बावजूद हल्के भारी माल उतर रहे हैं, जो 102/112 रुपए प्रति किलो के बीच बिक रहे हैं। लेमन तुवर की बिक्री चालू सप्ताह के शुरुआत में भारी तेजी के बाद ठंडी पड़ गई है, जिससे इसके भाव 113 से घटकर 111 रुपए प्रति किलो रह गए हैं। नई फसल चेतुवा की तुवर 20 दिन बाद आने लगी है, नीमच कटनी लाइन में फसल बढ़िया है, यूपी बिहार झारखंड में भी रबी वाली तुवर में दाने पक गए हैं तथा बढ़िया बताई जा रहे हैं, जिस कारण वर्तमान भाव में स्टॉक का व्यापार लाभदायक नहीं रहेगा, बल्कि बढ़े भाव में अब अपना मुनाफा कमाएं। दाल की बिक्री भी ज्यादा नहीं है तथा शादियां अब बंद चल रही हैं, इन परिस्थितियों में 2 रुपए प्रति किलो ऊपर नीचे भाव अभी चलते रहेंगे।

गेहूं भाव नए गेहूं से तेजी नहीं

19 अप्रैल नया गेहूं मध्य प्रदेश राजस्थान की मंडियों से आने लगा है। यहां भी 8-9 हजार बोरी गेहूं नरेला लारेंस, राई की रोलर फ्लोर मिल में उतरा, जो 2400/2425 रुपए नमी के हिसाब से बिकने की खबर थी, पुराने माल भी स्टॉक के निकलने लगे हैं, जिसके चलते आमदनी वाले माल में स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से बाजार लगातार टूटते जा रहे है। कल भी 10/20 रुपए नरम होकर 2400/2425 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं मिल क्वालिटी लॉरेंस रोड पर हो गया। अभी उत्तर भारत में गेहूं की फसल आने लगी है, मध्य प्रदेश में गेहूं का दबाव जबरदस्त बना हुआ है, लेकिन वहां स्टॉकिस्ट आ गए हैं, जिसके चलते वहां का माल आने में यहां आने की बावजूद नीचे के भाव से मजबूत हो गए हैं, लेकिन और बढ़ने का समय नहीं है।

मक्की में आगे मंदा जारी रहेगा

मक्का 19 अप्रैल बिहार में मक्की की बिजाई अधिक हुई है तथा स्टार्च व पोल्ट्री उद्योग की मांग पिछले कुछ दिनों से ठंडी पड़ गई है। दूसरी ओर बिहार की नयी मक्की हरियाणा पंजाब पहुंच में 2400/2425 रुपए प्रति कुंतल बिकने लगी है, जिसके चलते मध्य प्रदेश की मक्की का व्यापार पूरी तरह समाप्त हो गया है। बिहार की मंडियों में अभी आवक का प्रेशर बढ़ने लगा है, इन सब के चलते और निकट में घटने की संभावना प्रबल हो गयी है। बिहार में नयी मकई के भाव 2100/2125 रुपए चल रहे हैं।

 

सोयाबीन में तेजी की उम्मीद

सोयाबीन 19 अप्रैल गत सप्ताह नीचे वाले भाव में सोल्वेंट प्लांटों की लिवाली चलने से सोयाबीन में 50 रुपए की बढ़त पर मध्य प्रदेश महाराष्ट्र एवं राजस्थान के प्लांट में 4700/4750 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच का व्यापार हो गया। इसका तेल भी जो इंदौर, इटारसी, नागपुर लाइन में 93/93.5 रुपए प्रति किलो पर किया था, उसके भाव 94/94.50 रुपए बोलने लगे। अब वर्तमान भाव पर एक बार मुनाफा लेना चाहिए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोया डीओसी के ऊंचे भाव होने से साल्वेंट प्लांट की मांग सुधर गई है, जिससे सोयाबीन में तेजी और आ सकती है।

सरसों तेल में कितना तेज होगा या मंदा

सरसों तेल 19 अप्रैल विदेशी तेलों में नरमी का रुख होने के तथा ग्राहकी का समर्थन ना मिलने के कारण सरसों तेल के भाव 100 रुपए घटकर 9800 रूपये प्रति क्विंटल रह गये। दादरी में इसके भाव 9700 रूपए प्रति क्विंटल बोले गए। बिकवाली घटने से गंगानगर में सरसों तेल के कच्ची घानी भी 10000 रूपए प्रति क्विंटल पबोले गए। आपूर्ति व मांग को देखते आने वाले दिनों में सरसो तेल अधिक बढ़ने की संभावना नहीं है।

 

इसे भी पढ़ें 👉सोना चांदी भाव में हल्की बढ़त देखने को मिला, जानें सोना चांदी का ताजा भाव

इसे भी पढ़ें 👉राजस्थान प्रदेश में आज और कल होगी तेज हवा के साथ जोरदार बारिश, जाने मौसम की जानकारी

सोना चांदी व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉यहां पर दबाएं

सरकारी योजना व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉यहां पर दबाएं

नोट 👉 आज आपने जाना सरसों तेल, सोयाबीन, मक्का, गेहूं, तुवर, चना, मटर, मसूर, उड़द, मुंग, जीरा और सौंठ का भाव आगे बढ़ेगा या घटेगा, व्यापार अपने विवेक से करें। किसी भी फसल में तेजी या फिर मंदी आने वाले समय की मांग पर भी निर्भर करता है। इसलिए व्यापार में किसी भी हानि होने पर सुपर मंडी भाव जिम्मेवार नहीं है।

WhatsApp Group 

Join करें 




Telegram Group में जुड़े

Join करें


Facebook  पर जुड़े

Join करें

 

error: Content is protected !!