बिकवाली शांत पड़ने व लिवाली बेहतर बनी रहने से तुवर की कीमतों में मजबुती का रुख रहा। उपलब्धता कमजोर बनी रहने से मांग व आपूर्ति में अंतर बना हुआ है। जिस कारण तुवर की बढ़ती कीमतों को समर्थन मिल रहा है।
भारत के कमजोर उत्पादन को देख बर्मा निर्यातक तुवर की बिकवाली भाव बढ़ाकर रहे है जिससे आयात पड़तल महगा पड़ रहा व तुवर में डिस्पैरिटी अधिक आ रही है।
इन सभी कारणो को देखते हुए तूवर की कीमतों और तँजी देखी जा सकती है। पोर्ट पर तुवर की उपलब्धता कमजोर पड़ने व लिवाली बेहतर होने से चेन्नई तुवर में 100 व मुंबई अफ्रीकन तुवर में 200 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
और इस बढ़ोतरी के साथ भाव चेन्नई लेमन 11250/ 11300 रुपए व मुंबई मोजांबिक सफ़ेद 10800/10900 रुपए गजरी 10800 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। देसी तुवर में भी स्टाकिस्टों की बिकवाली कमजोर बनी हुई है।
तुवर तेजी मंदी रिपोर्ट: बिकवाली कमजोर पड़ने व दाल मिलर्स की लिवाली बनी रहने से देसी तुवर की कीमतों में 100/200 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई। व्यापार अपने विवेक से करें।
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