समान नागरिक संहिता कानून: भारत में Uniform Civil Code यानी समान नागरिक संहिता के लागू होने की चर्चाएं गर्म है। इस कानून के लागू करने से पहले 22वें विधि आयोग ने UCC भारत की जनता से इस कानून को लेकर क्या सोचती है रिपोर्ट भी मांगना आरंभ हो चुकी है अगर दुनिया भर के देशों की बात की जाए तो इस कानून में बहुत से देशों ने यह कानून लागू किया हुआ है।
आखिर समान नागरिक संहिता क्या है
इस कानून के लागू होने के बाद देश में सभी धर्म रिती रिवाज से रहने वालों के लिए एक ही कानून में रहना होगा। यानी कि हम कह सकते हैं कि एक देश एक कानून की पूरी प्रक्रिया है ये। सरकार के द्वारा इस कानून को लागू होने के बाद देश में सभी तरह के तलाक युवा संपत्ति का बंटवारा या फिर किसी के बच्चा भी गोद लेना हो तो भी इस कानून के दायरे में ही आएगा। वर्तमान में भारत में समान नागरिकता संगीता कानून लागू नहीं है और यहां पर कई निजी कानून को धर्म के आधार पर तय किया गया है।
भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं और यहां पर बहुत से धर्म अपने व्यक्तिगत धर्म को कानून के रूप में मानते हैं यहां मुसलमान शरीयत और शरिया कानून को मान्यता मानता है वही हिंदू जैन सिख और बौद्ध धर्म का अपने व्यक्तिगत धर्म को मानते हैं वही ईसाई धर्म को मानने वालों का अपना अलग कानून मानते हैं इसके अलावा अन्य धर्मों के लोग भारतीय संविधान बने हुए कानून को मान्यता मानता है।
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कौन-कौन से देशों में समान नागरिक संहिता लागू है।
वर्तमान में भारत जैसे ही विविध आयोग के द्वारा लागू करने की प्रक्रिया शुरू हुई वही इस विषय पर राजनीति में चर्चाएं गर्म हो चुकी है यह पक्षी कानून को लागू करना चाहता है दूसरे पक्ष इस कानून के विरोध में है वही इस कानून के विदेशों में लागू होने की बात की जाए तो बहुत से ऐसे देश हैं जहां पर यह कानून पहले से ही लागू किया गया है।
पाकिस्तान अमेरिका तुर्की इंडोनेशिया आयरलैंड मलेशिया मिश्रा और सूडान कई देशों ने समान नागरिक संहिता को पहले से ही लागू किया हुआ है और यहां के सभी धर्म के लोग इस कानून को एक नजर से मानते है।
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