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जीरे के भाव में क्यों आ रही हैं गिरावट, जाने जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट

जीरे का रेट में क्यों आ रही हैं गिरावट, जाने जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट

बीते साल के मुकाबले में चालू सीजन में जीरे का उत्पादन अधिक होने के बाद भी पिछले साल से कम हो रहा है क्योंकि बीते साल के मुकाबले में जीरे की कीमतें भी लगातार कमजोर हो रही है। जिसके चलते किसानों ने अपना माल घर पर रोक लिया है।

बता दें कि गुजरात की मंदिरों में जीरे की आवक मार्च महीने में शुरू से ही अधिक थी और देने का वक्त ₹100000 बोरी के आसपास थी। जो की अब लगातार गिरावट के चलते कम हो रही है। वहीं ऊंझा मंडी में जीरा की आवक 55 से 56000 बोरी प्रतिदिन हो रहा था।

बता दे जीरे की कीमत में आई कमजोरी के चलते प्रतिदिन आवक 50 से 55 हजार बोरी गुजरात की मंडियों में हो रहा है। और ऊंझा मंडी में जीरा की आवक 32 से 35000 बोरी के करीब हो रही है। वहीं राजस्थान प्रदेश में भी गुजरात की तरह ही इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले में जीरा की आवक कमजोर है। क्योंकि बीते साल के मुकाबले में कीमतें कमजोर है। जिसके चलते जीरे की आवक कमजोर हो रही है।

 

बता दे राजस्थान की मेड़ता और नागौर मंडी में बीते वर्ष अप्रैल महीने में देने का वक्त 8 से 10 हजार बोरी की हो रहा था। क्योंकि कीमतों में उछाल देखने को मिला। वहीं इस बार मंदिरों में आवश्यक 5000 बोरी की हो रही है।

 

जीरा उत्पादक क्षेत्र में जीरा की कीमतों में आई बीते साल तेजी को देखते हुए किसानों ने अधिक क्षेत्रफल में जीरे की खेती की और साथ ही मौसम सही रहने के चलते अबकी बार बंपर पैदावार हुई है। और करीब एक करोड़ बोरी से अधिक उत्पादन होने की संभावना के समाचार मिल रहे हैं। जिसके चलते जीरे की कीमत में गिरावट है। और पिछले साल उत्पादन 55 से 60 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) का रहा था।

बीते साल कमजोर पैदावर होने के चलते नए मालों की आवक के समय ही जीरा भाव में तेजी बननी शुरू हो गई थी। और अप्रैल महीने के 2023 के आरंभ में ऊंझा मंडी में जीरे का भाव क्वालिटी अनुसार 340 से 400 रुपए प्रति किलो बोली जा रही थी।

जो निर्यात की मांग एवं कमजोर उत्पादन के कारण जुलाई माह में बढ़कर 625/630 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर बोली जाने लगी थी। जिस कारण से आयातकों ने चीन से जीरे का आयात शुरू कर दिया।

जिस कारण से बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगा और कुछ समय से भाव सीमित दायरे में बने रहे। मगर उत्पादक केंदों पर अधिक बिजाई के समाचारों से नवम्बर- दिसम्बर माह से कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया जोकि अभी तक थमा नहीं है।

वर्तमान में ऊंझा मंडी जीरे का भाव घटकर 210/290 रुपए के स्तर पर आ गया है। लेकिन इन भावों पर उठाव नहीं है क्योंकि अभी भी धारणा बाजार में मंदे की बनी हुई है।

 

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नोट 👉 आज आपने जाना जीरा का भविष्य 2024 जानें जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट । किसी भी फसल का व्यापार करने से पहले एक बार अपने विवेक से व्यापार करें क्योंकि आने वाली समय में फसल और मौसम कैसा रहेगा उन पर भी तेजी मंदी काफी हद तक निर्भर करती है

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