देशी चना के बाजार की फिर से बदली दिशा
किसान और व्यापारी भाइयों दिल्ली मंडी लॉरेंस रोड पर राजस्थान लाइन वाला चना की कीमतें 6025 के स्तर को छूकर वापस से 5925 पर आ गई हैं और यह गिरावट परसों शाम से शुरू हुई है। दो दिनों में ही चना का भाव 100 रुपये तक टूट चुका है और इस गिरावट के पीछे का कारण मुनाफावसूली है क्योंकि किसान 6000 के स्तर का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही भाव 6000 को पार हुआ, वैसे ही किसानों ने अपना माल निकालना शुरू कर दिया जिससे भाव 100 रुपये तक टूट गया है। लेकिन, खपत का सीज़न होने के कारण बड़ी गिरावट की संभावना कम है। अभी बाजार में मुनाफावसूली का दौर देखने को मिल रहा है, लेकिन बाजार में मांग बनी हुई है क्योंकि माल की उपलब्धता कम है, मिलों की तरफ से खरीद की मांग स्थिर है, और मंडियों में अच्छी गुणवत्ता का माल सीमित मात्रा में ही आ रहा है। ये सभी कारण मिलकर बाजार को समर्थन दे रहे हैं, जिससे कीमतों में ज़्यादा गिरावट नहीं आई। केंद्र सरकार द्वारा MSP में की गई 225 रुपए की बढ़ोतरी से चने की बुवाई में वृद्धि हो सकती है,
जिससे बुवाई करने वाले किसानों की तरफ से बीज की मांग बढ़ने से चना की कीमतों को कुछ और बढ़ने में सहारा मिलेगा। ऊपर से सरकार पर सस्ते आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव डाला जा रहा है। हमारा मानना है कि अभी चने के भाव में कुछ और तेज़ी बाकी है और वह तेज़ी लगभग आपको दिवाली तक देखने को मिल सकती है और वह तेज़ी कुछ हद तक सरकारी नीति पर टिकी हुई है, जैसे कि NAFED द्वारा की जा रही चना की बिक्री की गति और सस्ते आयात पर सरकार कोई फैसला लेती है या नहीं। इसीलिए, बाजार पर अपनी नज़र बनाए रखें