Wheat Varieties 2023: इस अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह का आरंभ होने वाला है और हमारे देश के लगभग सभी क्षेत्रों में रबी सीजन की फसल बुवाई को लेकर किसानों ने तैयारियां आरंभ कर दिया है। किसान अब गेहूं की नई वैरायटी के बीच की जानकारी जानने के लिए अपने पड़ताल कर रहे हैं आज इस पोस्ट के द्वारा आप गेहूं की नई वैरायटी के बारे में जानकारी मिलेगी। जिन किस्म को बुवाई करने पर किसानों के द्वारा पिछले सीजन अच्छी पैदावार ली गई।
रबी फसल की बुवाई अब आरंभ होने वाली है और ज्यादातर क्षेत्रों में खरीफ फसल का तैयार हो चुकी है या किसानों के द्वारा कटाई हो चुकी है। हालांकि अभी गेहूं की बुवाई करने में समय बाकी है। लेकिन इस समय हमें गेहूं की अच्छी किस्म का चुनाव कर लेना चाहिए क्योंकि बुवाई के एक समय नहीं मिल पाता कि कौन सी वैरायटी बिजाई की जाए जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिले।
आज हम गेहूं की अच्छी पैदावार देने वाली पांच गेहूं की नई वैरायटी के बारे में जानेंगे। Best Wheat Varieties 2023।
5 गेहूं की नई वैरायटी
1. पूसा मंगल Hi- 8713
2.पूसा पोषण Hi – 8663
3.पूसा तेजस- 8759
4.पूसा मालवी
5.पूसा अनमोल
1. गेहूं की नई वैरायटी पूसा मंगल Hi- 8713
गेहूं की इस किस्म का पिछले सीजन प्रति बीघा 18 क्विंटल रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया। इस वैरायटी का गेहूं दाने में चमक काम और दान मोटा और बड़ा होता है। और यह है काठिया गेहूं किस्म है। जिसके कारण इसका बाजार में रेट काफी ऊंचा रहता है। इस किस्म के गेहूं का उपयोग सूजी बनाने दलिया व पास्ता बनाने में किया जाता है।
गेहूं की नई वैरायटी पूसा मंगल Hi- 8713: इस गेहूं के पौधो में ऊंचाई करीब ढाई से तीन फीट तक होती है। बता दें कि इस किस किस्म की बुवाई 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक अच्छे मानी जाती है वहीं इस किस्म के बीच की मात्रा 70 किलो प्रति एकड़ रहता है। इस किस्म में पकने में 130 से 140 दिन सिंचाई के लिए 3 से 4 पानी की आवश्यकता होती है। इस गेहूं में उत्पादन की अगर हम बात करें तो प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक लिया जा सकता है। गेहूं में नीचे गिरने और रोगों के रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी है। गेहूं की इस किस्म का उपयोग मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सही रहता है।
2. गेहूं की नई वैरायटी पूसा पोषण Hi – 8663
गेहूं की इस वैरायटी में बीते साल प्रति बीघा उत्पादन 16 क्विंटल दर्ज किया गया। बता दे कि गेहूं की इन सब किस्म के बीच इस वैरायटी का सबसे सर्वोत्तम माना जाता है उत्पादन के अनुसार। इस गेहूं की किस्म को प्रीमियम गेहूं और गोल्डन के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस गेहूं की किस्म में उच्चतम गुणवत्ता और अधिक उत्पादन वाला किम है और से HI-8663 एक जीनोटाइप विशेषता होती हैं। इस गेहूं में अगर प्रति हेक्टेयर उत्पादन की बात की जाए तो 95.32 क्विंटल है।
गेहूं की इस किस्म में प्रोटॉन की मात्रा बढ़िया पाई जाती है इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व होना बताया गया है। इस गेहूं से सूजी और रोटी, पास्ता बनाई जा सकती है। बाजार में इस किस्म की अच्छी डिमांड रहती है। इस किस्म की बुवाई नवंबर महीने में सबसे अच्छा माना गया है क्योंकि इस किस्म में गर्मी में सहन करने की क्षमता अच्छी है और इस किस्म को पकाने में करीब 120 से 130 दिन का समय रहता है।
3. गेहूं की नई वैरायटी पूसा तेजस- 8759
गेहूं की इस किस्म में पिछले वर्ष प्रति बीघा उत्पादन 14 से 16 क्विंटल तक रहा। इस नई किस्म को इंदौर कृषि अनुसंधान संस्थान केंद्र के द्वारा विकसित किया गया है और यह गेहूं भी एक कठिया किस्म है। इस गेहूं की किस्म में अच्छी भूमि और सिंचित क्षेत्र में बुवाई करना अच्छा रहता है। इस किस्म में पौधों की कल्लो की संख्या 10 से 12 होती है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी है या कई रोगों से बची रहती है जिसमें करनाल बंट,‘ब्लास्ट’ रोग, कंड़वा, गेरुआ रोग, प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है।
इस किस्म को बुवाई करने में 120 से 125 किलो बीज रहता है इस किस्म में भी कष्ट पौष्टिक तथा पाए जाते हैं जैसे जिंक आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस किस्म के गेहूं की बुवाई किसान 10 नवंबर से 25 नवंबर तक कर सकते हैं। इस किस्म में किसानों को ज्यादा सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं रहती। कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है। गेहूं की किस्म में प्रति हेक्टेयर 65 से 75 क्विंटल उत्पादन देती है वहीं इस किस्म को पकने में 115 से 120 दिन का समय रहता है।
4. गेहूं की नई वैरायटी पूसा मालवी
गेहूं की इस किस्म में पिछले सीजन प्रति बीघा उत्पादन 13 से 16 क्विंटल रहा। इस किस्म को उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान प्रदेश के उदयपुर और कोटा गुजरात छत्तीसगढ़ झांसी के क्षेत्र में उपयुक्त माना गया है। गेहूं की इस किस्म में अधिकतम उत्पादन करीब 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अगर सही समय और सिंचाई वाले क्षेत्र में की जाए तो मिल जाता है। इस गेहूं की किस्म में भी कई तरह के पोषक तत्व होने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है
5. गेहूं की नई वैरायटी पूसा अनमोल
गेहूं की यह किस्म रोगों के प्रति सहनशील है इस समय किसी भी प्रकार का कोई भी रोक नहीं लगता इस किस्म में पकाने की अगर हम बात की जाए तो यह 115 से 120 दिन में ही पककर तैयार हो जाता है।
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दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी मीडिया स्रोत से लिया गया है किसी भी प्रकार की ज्यादा जानकारी लेने के लिए आप अपने नजदीकी किसी भी कृषि विशेषज्ञों से सलाह ले ताकि आपको अच्छा उत्पादन मिले। अपने जमीन की मिट्टी और पानी की जांच के अनुसार गेहूं का चयन करें। हमारे द्वारा दिए गए उत्पादन आंकड़ों में थोड़ा ऊपर या नीचे हो सकता है।