किसानों को अपनी गेहूं की फसल में बोरोन की कमी के लक्षण, कब और कितना डालना चाहिए, जानें पूरी जानकारी
गेहूं की फसल हो या किसी और फसल उगाने के बाद उन्हें पकाने तक अनेक अवस्था में कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता रहता है। लेकिन किसानों के द्वारा कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं। जिन्हें ध्यान नहीं रखा जाता और पैदावार में गिरावट देखने को मिलती है या सामान्य पैदावार रहता है। ऐसे में किसानों को अपनी पैदावार अच्छी हो इसके लिए सभी प्रकार के पोषक तत्व समय पर देने भी आवश्यक हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक बोरोन के बारे में बताएंगे कि गेहूं की फसल में बारोन की कमी होने पर कैसा दिखाई देता है। और इसकी पूर्ति के लिए क्या-क्या उपाय करने होंगे जाने के लिए आप अंत तक जुड़े रहें
गेहूं की फसल में बोरोन की कमी के लक्षण (Boron Deficiency in Wheat Crop)
किसानों को अपनी गेहूं की फसल में बोरोन की कमी के लक्षण पहचान उतना मुश्किल नहीं है। यानी आप आसानी से इसकी कमी के लक्षण को देख सकते हैं। बता दे कि किसान अपनी फसल में अगर यह पाते हैं कि उनके गेहूं के पत्ते गोल होकर लिपटे हुए दिखाई देते हैं। और गेहूं के पत्तियों हल्की कटी हुई दिखाई दे तो ऐसे में किसान बोरोन की कमी के लक्षण देख सकते हैं और उपचार कर सकते हैं।
बोरोन से गेहूं में होने वाले फायदे जानें
किसान भाइयों आपने यह तो जान लिया कि गेहूं की फसल में बोरोन की कमी होने पर कैसे पहचाना जा सकता है। अब आप यह भी जाने की बोरोन डालने से गेहूं में फायदे क्या होंगे। गेहूं की फसल में बोरोन डालने से गेहूं में बनने वाले फूल से दाना बड़ा चमकदार और बनेगा। इसके साथ बोलियां में सभी दाने पूरी तरह से बनेंगे और तेजी से बनेंगे।
बोरोन की कमी को कैसे दूर करें, जानें उपाय
बोरोन की कमी: गेहूं की फसल में बोरोन डालने से पहले किसानों को यह जानना बहुत है। गेहूं में बोरोन की कमी दिखाई दे तो फिर प्रति एकड़ 100 से 120 ग्राम बोरोन 20% का उपयोग सप्रे के द्वारा कर सकते हैं।
बोरोन कब डालें: अगर आपकी फसल में ब्राउन की कमी के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तो ऐसी स्थिति में किसानों को जब आपकी फसल गोभ अवस्था या फूल की अवस्था में आ जाए तो आप गेहूं की फसल में 1 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से सपना के द्वारा बोरोन का इस्तेमाल कर सकते हैं
किसान साथियों बोरोन की कमी के लिए बाजार में काफी तरह के कंपनियों द्वारा तरल बोरोन प्रोडक्ट आते हैं। उसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके अलावा किसान एनपीके (NPK) के द्वारा साथ में मिलाकर बोरोन का उपयोग में लिया जा सकता है।
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