लोकसभा चुनाव में अब थोड़ा सा समय बाकी है ऐसे में भारत सरकार ने एक बड़ा अहम फैसला लिया गया। बता दें कि खाद कंपनियों जो अपनी मर्जी से कीमतें तय करती थी। अब ऐसा नहीं होगा। जाने पूरी अपडेट में…
किसानों को रासायनिक खाद की कीमतों में मिलेगी बड़ी राहत
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने एक किसानों के लिए अच्छा कदम उठाया है। बता दे की हाल ही में नॉन यूरिया खाद पर प्राइस को सरकार ने कंट्रोल में किया गया। नॉन यूरिया रासायनिक खाद पर मिलने वाले प्रॉफिट मार्जिन को तय कर दिया गया है। बता दे की आयात होने वाले पर प्रॉफिट मार्जिन उच्चतम 8% और उत्पादन कंपनियों के लिए प्रॉफिट मार्जिन 10% और इसके अलावा इंटीग्रेटेड कंपनियों के लिए 12% तक प्रॉफिट मार्जिन तय किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के द्वारा विपणन वर्ष 2010 में एसबीएस स्कीम (न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी / NBS) के माध्यम से बाजार के हवाले किया गया था। जिसमें अब नॉन यूरिया फर्टिलाइजर के तहत एनबीए स्कीम एमओपी (MOP), डीएपी (DAP) और इसके अलावा रसायनिक उर्वरक खाद की कीमतों में अपने अनुसार वसूलने में रोकथाम होगा।
सरकार के द्वारा फर्टिलाइजर पर सब्सिडी
केंद्र सरकार की ओर से हर साल किसानों को रासायनिक करो पर सब्सिडी दिया जाता है जिससे किसानों को अपनी खेती में लागत खर्च कम हो और उन्हें किसी भी दिक्कत का सामना न करना पड़ेगी। रबी सीजन में सरकार की ओर से फास्फोरस खाद में 20.82 रूपये, नाइट्रोजन खाद में 4720 रुपए सल्फर खाद में 1.89 रुपए और पोटाश खाद में 2.38 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी दिया जाता है। यूरिया को छोड़कर सरकार के पास अन्य फर्टिलाइजर नियंत्रण से बाहर हैं।
कीमत किस तरह रहेगा
बता दे कि यूरिया खाद के अलावा रासायनिक खादो में आ रही अप्रत्यक्ष रूप से एमआरपी रेट में प्रॉफिट मार्जिन की यह सीमा लगाकर सरकार नहीं पड़ा अहम फैसला लिया है। बता दे की हाल ही में सूत्रों से मिली जानकारी के माने तो नॉन यूरिया फर्टिलाइजर को एमआरपी के अंदर लाया गया है। जिसके लिए उनके मुताबिक एमओपी (MOP पर 33100 करोड़) डीएपी (DAP पर 27000 करोड़), एनपीके (NPK पर 29400 करोड़) एनपीकेएस (NPKS पर 25000 करोड़) रुपए को फिक्स कर दिया गया है।
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