नई दिल्ली। नैनो यूरिया के बाद अब नैनो डीएपी (neno dap)को भारत सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा शनिवार को ट्वीट में बताया गया कि उर्वरक में आत्मनिर्भरता की तरफ एक ओर बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा नैनो यूरिया के बाद अब नैनो डीएपी को किसानों के यूज करने के लिए भी मंजूरी दे दी है। पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत यह फैसला खेती करने वाले किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित होगी। अब से 50 किलो बोरी डीएपी की जगह एक बोतल डीएपी के रूप में मिलेगी।
नैनो डीएपी (neno dap) से आयात में आएगी कमी
देश में डीएपी उर्वरक दूसरी सबसे अधिक खपत होने वाली खाद है और यूरिया के बाद डीएपी देश की दूसरी सबसे अधिक खपत होने वाली खाद है। जानकारी के अनुसार लगभग 10 से 12.5 मिलियन टन एक साल में इसकी खपत होती है। जबकि डीएपी का उत्पादन देश में केवल चार से पांच मिलियन टन है। देश में बाकी सारी डीएपी विदेश से आयात होता है। भारत सरकार ने इफको के बनाए डीएपी को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल कर लिया है। आपको बता दें फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर वह कानून है जो देश में खादों की बिक्री , भाव, वितरण को नियंत्रित करता है। फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल होने से इसके व्यवसायिक रिलीज का रास्ता भी साफ होने वाला है। भारत सरकार के इस कदम से सबसे अधिक फायदा कृषि को होने वाला है।
अब तक बैग में मिलता था डीएपी
आपकों बता दें किसानों को अब तक डीएपी बैग में मिलता था जिससे ढुलाई में समस्याओं होती थी।
50 किलो बैग के मुकाबले में नैनो डीएपी बोतल में आने से इसे उतनी ही मात्रा में आसानी से उपयोग लाया जा सकता है। सरकार के इस फैसले के बाद डीएपी के रेट में गिरावट आने की पूरी संभावना बनी हुई है।
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