गेहूं की खेती में बुवाई का कार्य जोरों पर है और गेहूं की फसल में सर्दी वाला मौसम आवश्यक है। गेहूं की खेती में पानी की आवश्यकता पड़ती है और गेहूं में बुवाई के समय की बात की जाए तो 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तक सही माना गया है। गेहूं की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी दोमट मिट्टी मानी जाती है लेकिन अगर पानी की और मौसम सही रहे तो इसे हर मिट्टी में उगना आसान है।
गेहूं की फसल के लिए खेत को कैसे तैयार करें।
गेहूं की खेती करने से पहले गेहूं बुवाई के समय से पहले ही खेत को अच्छी तरह से जताई करना आवश्यक है और समतल करना आवश्यक है जिससे बीज समान रूप से जमीन में डाला जा सके। जिन क्षेत्रों में पानी से फसल ली जाती है उन खेतों में गहरी जुताई करना आवश्यक है और खरपतवार को खेत से निकलना आवश्यक है। वहीं जिन क्षेत्रों में बिना पानी यानी बारिश पर आधारित खेती है वहां पर गेहूं की फसल बोने से पहले ज्यादा जुताई नहीं करनी चाहिए एक गहरी जुताई के बाद शाम को गेहूं की बुवाई करनी चाहिए।
गेहूं की पछेती बुवाई इन किस्मों का करें चयन
गेहूं लेट बुवाई वाली किस्म 25 नवम्बर से 25 दिसम्बर तक इन किस्मों का चयन कर सकते हैं।
1. डब्ल्यू आर- 544
2. पी बी डब्ल्यू- 373
3. एच डी- 2985
4. डब्ल्यू एच- 1021
5. राज- 3765
6. पी बी डब्ल्यू- 590
7. डी बी डब्ल्यू- 16
8. यू पी- 2425
किसान भाईयो गेहूं की बुवाई समय पर करना आवश्यक है। जैसे-जैसे समय निकलता जाता है उत्पादन कम होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए समय पर गेहूं की बुवाई करने की कोशिश करनी चाहिए अगर किसी कारणवश गेहूं की बुवाई करने में समय निकल जाता है तो काम समय वाली किस्म का चुनाव करना आवश्यक है । पानी की बात की जाए तो आपकी जमीन की मिट्टी के ऊपर निर्भर करता है कि आपको सिंचाई कितनी करनी पड़ेगी लेकिन सामान्यतः 4 से 6 पानी गेहूं में देना पड़ता है।
गेहूं में खाद की मात्रा
किसान भाइयों को गेहूं की बुवाई करने से पहले खाद की गेहूं में अपनी जमीन के अनुसार ही कर डालना चाहिए और उससे पहले मर्दा परीक्षण करवाना आवश्यक है ताकि कौन से बताओ की कमी है उसके आधार पर गेहूं की फसल होने से पहले खाद का प्रयोग करना चाहिए लेकिन गेहूं की फसल में 40 किलो पोटाश, 60 किलो फास्फोरस और 150 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर डालना चाहिए इसके साथ-साथ गली सड़ी हुई गोबर की खाद भी प्रति हेक्टर 60 क्विंटल तक देना चाहिए।
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