गेहूं की बुवाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है बहुत से क्षेत्र में अभी भी गेहूं की लेट बिजाई होगी। हमारे देश में गेहूं लगभग सभी राज्यों में किया जाता है इसलिए किसान गेहूं की फसल में जिंक बहुत ही आवश्यक है लेकिन बहुत से किसान भाई जिंक के बारे में जानते नहीं है और वह समय पर नहीं डालने से उत्पादन में कमी देखने को मिलती है आज हम इस आर्टिकल के द्वारा जन की कोशिश करेंगे की गेहूं में जिंक की कमी होने पर क्या लक्षण दिखाई देंगे और कब और कितनी मात्रा में डालना चाहिए।
हमारे देश में गेहूं के साथ-साथ भिन्न-भिन्न फसलों की गति की जाती है और किसान गेहूं की फसल में जिंक डालते हैं लेकिन बहुत से ऐसे किसान हैं जो इस और ध्यान नहीं देते लेकिन यह गेहूं की फसल के लिए बहुत ही आवश्यक तत्वों में से एक है।
किसानों के द्वारा धान की फसल लगाने पर जिंक के प्रयोग फसल में लिया जाता है अगर धान की फसल आपने पहले बाई हुई है और ऊपर से आप गेहूं की बुवाई करने वाले हैं तो आपको जिंक डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि जिंक को आपको साल में एक बार डालने पर दोबारा से डालने की आवश्यकता है वह नहीं रहता।
अगर आपके खेत में गेहूं की फसल बोई गई है और उसे जमीन में जिंक की कमी के लक्षण आपको क्या दिखाई देंगे और गेहूं में जिंक का प्रयोग की मात्रा की पूरी जानकारी लिए जानते हैं।
गेहूं की फसल में जिंक क्या काम करता है
बता दे कि वैसे तो सभी तत्वों की पौधों की आवश्यकता होती है लेकिन जिंक गेहूं में जरूर डालना चाहिए ताकि आपकी फसल में हरापन बना रहे और साथ ही कल्लो विकास अच्छा हो फुटाव ज्यादा होगा तो पैदावार भी अच्छी निकलेगी। साल में जिंक का प्रयोग आपको एक बार करना पड़ेगा। दोबारा से डालने की आवश्यकता नहीं रहती और जिंक डालने के बाद पौधों को 5 से 10% ही ग्रहण करता है।
जिंक की कमी होने पर गेहूं में क्या लक्षण दिखाई देंगे।
दोस्तों बता दे कि जिंक की कमी गेहूं की फसल में होने पर पहचान करना थोड़ा सा मुश्किल काम जरूर है। लेकिन फिर भी जिंक की कमी को पहचानना अगर आप चाहते हैं तो गेहूं की पत्तियां के द्वारा किया जा सकता है कि जिंक की कमी है या नहीं। इसकी कमी गेहूं की फसल में होने पर गेहूं की पत्तियां समान रूप से पीली हो जाती है और नशे हरा रहती है। और जिन पौधों में जिंक की कमी होगी यह पौधे अन्य पौधों के मुकाबले में छोटे और बढ़वार कम होगी।
गेहूं की फसल में जिंक कितना डालना चाहिए
जिंक का प्रयोग गेहूं की फसल में सबसे अच्छा रहता है। गेहूं की बुवाई करते समय ही डालें। जिससे पौधों को जिंक जितनी मात्रा में चाहिए उतना मिले। लेकिन बहुत से किसान भाई जिंक गेहूं की बुवाई के समय नहीं डाल पाते हैं। तो वह किसान गेहूं की पहली सिंचाई में भी उपयोग में ले सकते हैं उसके लिए किसानों को जिंक सल्फेट 21% 10 किलो इसके अलावा जिंक सल्फेट 33% 6 किलो मात्रा पहले पानी में यूरिया के साथ मिलकर डाला जा सकता है
इसके अलावा भी किसान जिंक का प्रयोग स्प्रे के द्वारा भी अपने फसल में दे सकते हैं उसके लिए आपको 33% जिंक 800 ग्राम 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ स्प्रे के द्वारा भी फसल को दिया जा सकता है या फिर चिल्टेड जिंक 150 ग्राम मात्रा में प्रति एकड़ के हिसाब से भी स्प्रे किया जा सकता है।
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नोट 👉 किसान भाइयों को किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले अपनी जमीन की मिट्टी को अच्छे से जांच करवाना आवश्यक है क्योंकि जिस भी मिट्टी में जिस भी पोषक तत्वों की कमी है वह जरुर डालना चाहिए जिससे आपकी पैदावार में कमी देखने का ना मिले।
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