देश के लगभग के सभी राज्यों में गेहूं की बुवाई चल रही है इस दौरान ज्यादातर किसानों ने गेहूं की बुवाई का कार्य कर दिया है लेकिन अभी भी बहुत से किसानों की फसल समय पर खाली न होने या ज्यादा नमी होने के चलते हैं अभी भी गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं इसलिए किसान पछेती किशन लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
गेहूं की 2 पछेती दो किस्म
किसानों को यह समस्या हर साल देखने को मिलती है इसी को ध्यान में रखते हुए इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के द्वारा किसानों के लिए दो नई गेहूं की किस्म विकसित की गई है जो कि ज्यादा तापमान होने के बावजूद भी 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और किसानों को अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है
गेहूं की किस्म पूसा अहिल्या (एच आई 1634)
बता दें कि गेहूं की यह किस्म पूसा अहिल्या उन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा अच्छा रहता है जहां पर किसानों के द्वारा बुवाई का कार्य समय लगता है और जहां पर जनवरी और फरवरी महीने में भी गर्मी अधिक हो वहां पर सही रहता है। गेहूं की इस वैरायटी में कटाई के लिए तैयार होने में समय की बात करें तो करीब 110 दिन के आसपास रहता है। इस वैरायटी में अधिक तापमान होने पर भी अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है वही बता दें कि उत्पादन अच्छा मिलता है और साथ ही इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर है।
गेहूं की किस्म पूसा बकुला (एच आई 1636)
क्योंकि इस वैरायटी में दाने मोटे और चमकदार होने के साथ-साथ कम खर्चे में अधिक लाभ देने वाली किस्म है और इस किम में भी कीटों के प्रति लड़ने की क्षमता काफी अच्छी है वहीं पैदावार की बात की जाए तो पढ़ती हेक्टर 80 क्विंटल उत्पादन देने में सक्षम है वही इस पकाने में लगभग 120 दिन के आसपास का समय लगता है।
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ध्यान दें: बता दें कि दोबारा दी गई दोनों ही वैरियटयों की जानकारी आपको अच्छे से प्राप्त होगी लेकिन फिर भी अगर आप अपने खेत में इस दोनों ही किस्म को लगाना अपने नजदीकी कृषि अधिकारियों और विभाग से एक बार संपर्क जरूर करें।