मंगलवार को घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों में हमें सुधार देखने को मिला। ब्रांडेड तेल मिलों ने इसकी खरीद की कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति कुंटल की तेजी देखने को मिली हालांकि जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव 5525 पर स्थिर रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर होकर 9.28 लाख बोरियों की हुई।
व्यापारियों के मुताबिक घरेलू बाजार में सरसों के दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य, MSP से नीचे आ गए हैं, जिस कारण उद्योग ने केंद्र सरकार से भाव में चल रही गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की है। इसीलिए हाजिर बाजार में शाम के सत्र में तेल मिलों की खरीद से कीमतों में तेजी दर्ज की गई। उत्पादक राज्यों में मौसम साफ बना हुआ है जिस कारण सरसों की दैनिक आवक आगामी दिनों में और बढ़ेगी।
विदेशी बाजार में आज खाद्य तेलों की कीमतों में आज गिरावट का रुख रहा। कमजोर निर्यात और उत्पादन बढ़ने की संभावना के कारण मलेशियाई पाम तेल वायदा में मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर मई डिलीवरी पाम तेल वायदा अनुबंध शाम के सत्र में 89 रिंगिट या 2.11 फीसदी घटकर 4,136 रिंगिट प्रति टन रह गया। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.5 फीसदी कमजोर हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध भी 0.5 फीसदी गिर गया।
शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतों में 0.3 फीसदी की गिरावट आई। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को 5-5 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1093 रुपये और 1083 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2350 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर हो गई ।
सरसों की दैनिक आवक बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतों में गिरावट बनी हुई है तथा अधिकांश मंडियों में इसके दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी(MSP) 5450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गए हैं।
सरसों की गिरती कीमत को रोकने के लिए सरकार को पत्र
किसानों के हितों को देखते हुए अतः उद्योग ने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है, ताकि सरसों की कीमतों में चल रही गिरावट को रोका जाए। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन ऑफइंडियाए एसईए ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभागए उपभोक्ता मामलों और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के साथ ही वाणिज्य मंत्रालय तथा केंद्रीय कृषि और किसान कल्याणए भारत सरकार के सचिवों को पत्र लिखकर सरसों की कीमतों में चल रही गिरावट को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है।
एसईए ने पत्र में लिखा है कि सरसों के दाम एमएसपी 5450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गए हैं। जिस कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अतः सरसों की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए पामोलिन तेल को तुरंत प्रतिबंधित श्रेणी में रखा जाना चाहिए या फिर पामोलिन के आयात को हतोत्साहित करने के लिए सीपीओ और पामोलिन के आयात शुल्क के बीच के अंतर को न्यूनतम 20 फीसदी तक बढ़ाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही उद्योग ने मांग की है कि नेफेड को उत्पादक राज्यों से सरसों की एमएसपी पर खरीद जल्द से जल्द शुरू करनी चाहिए। सस्ते खाद्य तेलों के बढ़ते आयात के कारण ही सरसों की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
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देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को 9.28 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 9.80 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 3.85 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.45 लाख बोरी,उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.35 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 1.05 लाख बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 1. 30 लाख बोरियों की आवक हुई।
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