सरकार के द्वारा बासमती चावल निर्यात शुल्क को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। सरकार द्वारा नॉन बासमती चावल के बाद अब paraboiled rice हेतु बड़ा फैंसला लिया है। हाल ही में सरकार इन चावल के निर्यात पर शिकंजा कसता हुआ नज़र आ रहा है। हाल ही में सरकार द्वारा बासमती चावल पर 1200 यूएस डॉलर प्रति टन का MEP (minimum export price) लगाया गया है । जिसके चलते इससे निचे कोई भी चावल एक्सपोर्ट नहीं कर सकता।
Parboiled rice बासमती चावल 20% लगाया निर्यात शुल्क
सरकार द्वारा अब Parboiled rice/जले हुए चावल पर भी 20 फीसदी का निर्यात शुल्क लगाने का फैंसला लिया गया है। उद्देश्य सरकार द्वारा अपनी घरेलू जरूरत को पूरा करना है ताकि ज्यादा दाम मार्केट में ना बड़े एवं मार्केट में चावल की कमी ना हो। मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 25 अगस्त से यह निर्यात शुल्क लागू होगा जबकि 16 अक्टूबर 2023 तक जारी रहेगा।
सरकार द्वारा नॉन बासमती चावल पर भी निर्यात प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब सरकार द्वारा नई जानकारी के मुताबिक सभी प्रकार के नॉन बासमती चावल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे पहले साल सितंबर में भी टूटे चावल पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसका प्रमुख कारण लगातार बढ़ रही महंगाई एवम् घरेलू डिमांड सप्लाई प्रभावित न हो, इसी को ध्यान में रखते हुए फैंसला लिया गया है।
इस साल भारत की ओर से माह अप्रैल -जून के बीच तकरीबन 15.54 लाख टन नॉन बासमती सफेद चावल का निर्यात किया गया था। जबकि इसी समान अवधि में पिछले साल 11.55 लाख टन का आंकड़ा रहा था। इसी कारण खाद्यानो की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए निर्यात प्रतिबंध लगाया गया।
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