हमारे देश में कई राज्यों में सरसों की खेती की जाती है। राजस्थान प्रदेश में सरसों की सबसे ज्यादा खेती की जाती है। किसानों को सरसों की अगेती खेती के लिए अधिक पैदावार और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना चाहिए। आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा बताएंगे पानी और सरसों के बारे में।
पायनियर सरसों की खूबियां
किसानों के द्वारा पायनियर सरसों की खेती पिछले काफी सालों से खेतों में लगा रहे हैं हालांकि अभी भी कुछ क्षेत्रों में किसानों को पायनियर सरसों के बारे में पता नहीं है। पायनियर सरसों किसानों को ज्यादा पैदावार देने वाली हाइब्रिड है इससे किसानों को पैदावार के साथ-साथ तेल की मात्रा भी अच्छी होती है।
पायनियर सरसों है रोग प्रतिरोधक
किसान भाइयों आपकी जानकारी के लिए बताते हैं कि पायनियर सरसों की यह इसके अंदर कई प्रकार की वैरायटी कंपनी के द्वारा लागू किया गया है जिसमें सरसों में आने वाले कई खतरनाक कीटों से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता इसकी ज्यादा रहती है और फसल सुरक्षित होने के साथ-साथ अधिक पैदावार भी मिलती है।
किसान पायनियर सरसों की अगेती खेती कैसे करें?
बीज का सही चयन: किसान अगर अपने खेत में पायनियर सरसों की किस्म का बिजाई करने की सोच रहे हैं तो उन्हें उच्च गुना तक वाले बीजों का चयन करना चाहिए और सही और प्रमाणित बीज का ध्यान अवश्य रखें।
सरसों बुवाई का उचित समय: सरसों की बुवाई का उचित समय अक्टूबर के महीने में सरसों की बुवाई करना उपयुक्त माना जाता है।
सरसों खेत की तैयारी कैसे करें: सरसों की खेती के लिए जमीन को अच्छी तरह से जुताई करना आवश्यक है। खेत से खरपतवार अच्छी तरह से निकले और उसके बाद बुवाई करें।
सरसों में सिंचाई: खेत में सरसों की बुवाई करने के बाद किसानों को समय-समय पर फसल का निरीक्षण करते हुए उचित समय पर सिंचाई की आवश्यकता होती है। फसल के फूल आने की अवस्था में सिंचाई जरूर करनी चाहिए जिससे पैदावार अच्छी मिले।
सरसों में खाद की मात्रा: पायनियर सरसों की अगर आप खेती करना चाहते हैं। तो आपको अच्छे खाद का प्रयोग करना होगा। अपने खेत में पासपोर्ट नाइट्रोजन और पोटेशियम की मात्रा सही रखें।
रोगों और किट का प्रबंधन : पायनियर सरसों की खेती में किसानों को समय समय पर रोगों और कीटों के बचाव हेतु नियमित रूप से निरीक्षण करते रहना है और उपयुक्त कीटनाशक का उपयोग करके फसल को बचाना चाहिए.
पायनियर सरसों की अगेती खेती किस्में
पायनियर सरसों 45s35 का बीज: पायनियर सरसों 4535 के पौधों की लंबाई 5 फीट तक होती है वही यह किस्म 105 दिन में पककर तैयार हो जाती है। किसानों को बीच की मात्रा एकड़ के हिसाब से 1.300 किलोग्राम रखें। हालांकि अपनी जमीन के अनुसार कम ज्यादा भी हो सकता है। इश्क किसम में तेल की मात्रा 40% और 1 एकड़ में 10 से 12 कुंटल तक पैदावार ले सकते हैं।
पायनियर सरसों 45s42 का बीज: पायनियर सरसों 45s 42 कि यह किस एम में पौधों की लंबाई 160 से 180 सेंटीमीटर रहती है वही यह फसल 125 से 130 दिन में पक्क तैयार हो जाती है। इस किस्म में एक एकड़ में 12 से 13 कुंतल तक पैदावार ले सकते हैं किसान बॉय के समय बीच की मात्रा 1 किलोग्राम रखें इस किस्म में तेल की मात्रा 42% तक होती है।
45s46 पायनियर सरसों का बीज: पायनियर सरसों 45s46 किशन में पौधों की लंबाई 190 सेंटीमीटर तक होती है और यह फसल 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है इस फसल से किसान प्रति एकड़ 12 से 13 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं वही तेल की मात्रा 42% और बीज की दर प्रति एकड़ 1.300 किलोग्राम की रखें हालांकि अपने एरिया की सबसे कम ज्यादा हो सकती है।
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