सोयाबीन की अक्टूबर से जनवरी के बीच 62 लाख टन आवक हुई। इस बीच 42.5 लाख टन सरसो की आवक हई। जो पिछले वर्ष से 3 लाख टन कम है। पहले चार महीने में 1.31 लाख टन सोयाबीन का आयत हुआ। जो पिछले वर्ष की सामान अवधि में मात्र 37000 टन आयत हुआ था।
फरवरी की शुरुआत में 87.1 लाख टन सरसो उपलब्ध जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.80% अधिक है। आवक अधिक होने के बावजूद सोयमील और तेल की डिमांड कमज़ोर होने से सोयाबीन की क्रशिंग घटी ।
घटे भाव पर प्लांटों की मांग और सरकारी खरीदारी शुरू होने की ख़बरों से सोयाबीन के भाव स्थिर हुए। हालांकि अभी तक सरकारी खरीदारी शुरू होने की कोई तारीख आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है। अंतराष्ट्रीय बाजार में लगातार घटते भाव के चलते घरेलू बाजार में सोयामील दबाव में । ऊँचे भाव के चलते फ़िलहाल भारतीय सोयमील के भाव एक्सपोर्ट पैरिटी में नहीं।
USDA ने ब्राजील में सोयाबीन उत्पादन अनुमान में मामूली कटौती की गई। जबकि अर्जेंटीना के उत्पादन अनुमान को 50 मिलियन टन पर बरकरार रखा।
घरेलू् बाजार में सरसो की फसल का उत्पादन भी बढ़ने का अनुमान है। जिसकी आवक मार्च महीने में बढ़ने से सरसों और सोयाबीन पर दबाव पड़ेगा। सोयाबीन की मौजूदा सप्लाई डिमांड को देखते हुए फ़िलहाल बड़ी तेजी की सम्भावना कम। हालांकि ऊपरी स्तरों से 800 रुपये की गिरावट के बाद अब इन स्तरों से बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
सोयाबीन तेजी मंदी रिपोर्ट : सरकारी खरीदारी निकलती है तो सोयाबीन के भाव में 300 से 400 की बढ़त देखने को मिल सकती है। व्यापार अपने विवेक से करें।
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नोट 👉 आज आपने जाना Soyabean Teji Mandi Report 2024 (सोयाबीन तेजी मंदी रिपोर्ट 2024) किसी भी फसल का व्यापार करने से पहले एक बार अपने विवेक से व्यापार करें क्योंकि आने वाली समय में फसल और मौसम कैसा रहेगा उन पर भी तेजी मंदी काफी हद तक निर्भर करती है।