पिछले दिनों उठे अरब सागर से तूफान भी पड़ जाए के असर से सबसे ज्यादा किसानों को फसलों में नुकसान गुजरात और राजस्थान में देखने को मिला। इस तूफान के असर से फसलों के नुकसान के साथ-साथ हजारों संख्या में मवेशियों की भी मृत्यु हो गई।
सरकार देगी फसल मुआवजा
किसानों को आए दिन कभी बेमौसम बारिश तो कभी ओलावृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है इसी क्रम में आए इस तूफान ने गुजरात में भारी तबाही मचाई और किसानों को तटीय क्षेत्रों में खजूर और केसर आम की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। और इसके साथ साथ राज्य में मवेशियों की भी बड़ी संख्या में तूफान से मौत हुई है। इन सब को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों को फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा।
इन फलदार पौधों को हुआ बड़ा नुकसान
गुजरात राज्य में किसानों के द्वारा लगभग केसर आम 200000 टन से ज्यादा पैदा किया जाता है। और इस तूफान के आने से ही इस फसल को काफी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र में पिछले दिनों आए तूफान से खजूर के पेड़ों को लगभग 90% का नुकसान हुआ। वहां के किसानों ने बताया कि इस तूफान से उनके द्वारा की जाने वाली वर्षो की खेती चौपट हो गई है और आने वाले कई सालों तक उनको मुनाफा नहीं होगा।
बिपरनॉय तूफान से गुजरात राज्य में देवभूमि द्वारका कच्छ पोरबंदर मोरबी और जामनगर में लगभग 14800 फल देने वाले पेड़ जिसका जिलों में 53000 हेक्टेयर को तेज हवाओं के कारण नुकसान हुआ है।
इस तूफान के गुजर जाने के बाद सरकार ने कैबिनेट की बैठक में फसलों व अन्य नुकसान के आकलन करने के आदेश दिए हैं। सरकार के द्वारा करवाए जा रहे हैं इस सर्वेक्षण के बाद किसानों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाएगा। राज्य में आए। इस तूफान से बिजली के बुनियादी ढांचे को करीब 783 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा
गुजरात राज्य में आए इस तूफान से ही करीब उन्नीस सौ पोल्ट्री पक्षियों की मौत वही 1320 मवेशियों की भी मौत हुई है इसके अलावा पेड़ पौधों में बिजली पोल गिरने की भी खबरें आए हैं इस दौरान सरकार ने 1129 मवेशियों की मौत होने पर 1.62 करोड़ रूपए मुआवजा दिया गया है।
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