सरसों के बाजार में सप्ताह में हमें ₹400 तक की तेजी देखने को मिली जिससे सोमवार को कारोबार के पहले दिन आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में तेजी आने के बावजूद भी घरेलू बाजार में सोमवार को सरसों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। सरसों उत्पादक राज्यों में दैनिक आवक बढ़कर 8.50 लाख बोरी की हुई है जो कि इससे पूर्व कार्य दिवस शनिवार को यह 7.50 बोरी हुई।
सरसों में गिरावट (Mustard price)
Mustard price: जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये कमजोर होने दाम 5,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को 18-18 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश- 1022 रुपये और 1012 रुपये प्रति 10 किलो रह गए थे। शाम के सत्र में कई ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की।
व्यापारियों के मुताबिक आयातित खाद्वय तेलों की कीमतें तेज होने के बावजूद भी घरेलू बाजार में सरसों के दाम कमजोर हुए। हालांकि नीचे भाव में बिकवाली कमजोर देखी गई।
सरसों तेल में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जिस कारण तेल मिलें सरसों की खरीद केवल जरूरत के हिसाब ही कर रही हैं। वैसे भी तेल मिलो सरसों में डिस्पैरिटी का सामना करना पड़ रहा है।
विदेशी बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में तेजी आई है। सूत्रों के अनुसार मलेशिया में अप्रैल में पाम तेल के उत्पादन में कमी आई कमी से इन्वेंट्री घटकर बीएमडी पर जुलाई डिलीवरी महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल के दाम 157 रिंगिट तेज होकर 3,758 रिंगिट प्रति टन हो गए।
इस दौरान शिकागो में जुलाई कीमतें 0.38 फीसदी तेज हुई। लेकिन शाम के सत्र में मिलों की बिक्री कमजोर देखी गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 40 रुपये कमजोर होकर 2535 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को 8.50 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 7.50 लाख बारियों की हुई थी।
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