एग्री कमोडिटी न्यूज़ 11/03/2023 : भाव भविष्य 2023
बाजरा रिपोर्ट: बाजरा में इस बार सीजन में ही बाजार काफी ऊंचा हो गया था, जिससे , कारोबारियों के गले में स्टाक जमा हो गया है, उस समय कुछ कारोबारियों ने अगांऊ सौदे मंदे भाव के कर लिए थे, उनको तकलीफ आ गई थी, लेकिन बढ़ती तेजी को देखकर स्टाक होता चला गया, वही तेजी अब नुकसान दे रही है। अब वर्तमान भाव में जोखिम तो नहीं लग रहा है। इस समय बाजरे के भाव 2200 रुपए मौली बरवाला पहुंच में चल रहे हैं। अब यहां से मंदे को विराम लग रहा है।
मक्की रिपोर्ट: मक्की में घरेलू तथा निर्यात मांग कमजोर होने से रैक वालों की मांग पूरी तरह ठंडी पड़ गई है। गौरतलब है कि बिहार की मक्की निकट में आने वाली नहीं है। एग्री इंडिया दूसरी ओर नीचे वाले भाव में स्टार्च मिलों की मांग निकलने लगी है, इसे देखते हुए वर्तमान भाव जो मंडियों में 1950/1960 रुपए प्रति क्विंटल तथा हरियाणा पंजाब पहुंच 2375/2400 रुपए प्रति क्विंटल चल रही हैं, इसमें जोखिम नहीं लग रहा है। अब यहां से व्यापार लाभ दे जाएगा
चावल रिपोर्ट: राइस मिलों में धान की मिलिंग महंगी अभी भी पड़ रही है, वहीं निर्यातकों की चौतरफा लिवाली चलने से अमृतसर, तरनतारन एवं डियाला गुरु में सभी तरह के बासमती प्रजाति के सेला व स्टीम चावल के भाव चार-पांच दिनों के अंतराल 400 रुपए प्रति क्विंटल गए। हरियाणा के तरावड़ी, कैथल लाइन से लगातार निर्यातक माल पकड़ रहे हैं। यूपी में स्टाक ज्यादा नहीं है, जो स्टाक था, वह फिर से कारोबारी रोकने लगे हैं तथा राइस मिलों में धान की आपूर्ति ऊंचे भाव की हो रही है, जिससे बाजार अभी और तेज लग रहा है, इसलिए वर्तमान भाव पर अभी व्यापार करना चाहिए
गेहूं रिपोर्ट: गेहूं का टेंडर आगामी कल 9 मार्च को हुआ हैं, अब आर ओ बनने लगेंगे। उधर घरेलू फसलें भी तैयार खड़ी हैं, एमपी में आवक बढ़ने लगी है, इसके बाद भी टेंडर होने वाले हैं। यही कारण है कि चालू सप्ताह के अंतराल गेहूं के भाव 20 / 25 रुपए प्रति क्विंटल गिरकर वर्तमान में 2400/2410 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि सूजी के भाव होली के बाद ही 200 रुपए प्रति 50 किलो गिर गए। चोकर में चालानी मांग निकलने से बाजार मजबूत सुना गया । रोलर फ्लोर मिलें भी कर्म प्रोसेसिंग कर रही है, जिससे चोकर कम निकल रहा है।
मटर रिपोर्ट : इस बार मटर में ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि पूरे वर्ष बाजार दबे रहे हैं. तथा पुराना स्टॉक मंडियों में प्रचुर मात्रा में पड़ा हुआ है। सब्जियों में मटर के भाव इस बार ऊंचे रहे हैं, जिससे अधिकतर कारोबारियों ने माल बेच दिया है, इसलिए ल्लितपुर झांसी लाइन के साथ-सा ही यूपी के अन्य क्षेत्रों में भी मटर की आवक अभी कम हो रही है। मध्य प्रदेश में पिचकी मटर, जो मंद भाव में आकर बिकती थी, वह भी इस बार कम बता रहे हैं। हरी मटर भी इस बार उत्पादक क्षेत्रों में कम होने की खबर मिल रही है, इन परिस्थितियों में वर्तमान भाव की हरी तथा सफेद मटर में ज्यादा मंदे का व्यापार इस बार नहीं करना चाहिए।
काबली चना रिपोर्ट: काबुली चने में पुराने माल की कमी आ गई है, जिससे अभी चौतरफा लिवाल हैं। नए माल का दबाव मध्य प्रदेश-कर्नाटक में अभी नहीं बन पा रहा है। महाराष्ट्र के सावदा मंडी में पिछले सप्ताह आवक बढ़ी थी, लेकिन सप्ताह के अंत में वहां की आवक टूट गई। नीचे वाले भाव में पाइप लाइन में माल नहीं होने से महाराष्ट्र के कारोबारी नये माल खरीदने लगे, जिससे बाजार वहां तेज हो गए हैं। इंदौर भोपाल लाइन में भी बाजार तेज है, लेकिन यहां ग्राहकी कमजोर होने से उक्त अवधि के अंतराल बाजार दबे रहे तथा नए पुराने मालों का अंतर बढ़ गया तथा मंदा धीरे-धीरे आने की संभावना है।
देसी चना रिपोर्ट: मध्यप्रदेश में देसी चना तैयार खड़ा है, लेकिन अचानक तापमान में आई भारी वृद्धि से उत्पादकता घटने का खतरा बढ़ गयी है, क्योंकि वर्तमान में सामान्य से ऊपर तापमान हो गया है। इधर राजस्थान की फसल को भी इस गर्मी से खतरा है। चने की कमी से 5350/5375 रुपए प्रति कुंतल लारेंस रोड पर खड़ी मोटर में व्यापार हो गया । अभी फसल में दाने लगे हैं, तथा अचानक आई गर्मी से दाने पुष्ट नहीं हो पाएंगे, इस स्थिति में वर्तमान के पुराने चने का व्यापार करना चाहिए। हम मानते हैं कि सरकार द्वारा पिछले दिनों फिर से चना बेचकर बाजार में एक बार भाव रोक दिया है, लेकिन माल मिलना मुश्किल लग रहा है तथा सकल उत्पादन में कमी आ सकती है।
तुवर बाजार रिपोर्ट: दाल पटका की मांग निकलने तथा तुवर महाराष्ट्र कर्नाटक दोनों ही राज्यों में तेज बिकने से वहां से भाड़ा लगाकर पड़ते फिर महंगे हो गए हैं। यही कारण है कि लेमन तुवर में दाल मिलों की पकड़ मजबूत हो गई है, लेमन के भाव चेन्नई में ऊंचे हो गए हैं। इधर दाल पटका लोकल एवं चालानी में ज्यादा बिक चुका है, जिससे दाल मिलों को मिलिंग करने के लिए तुवर की कमी हो गई है। तुवर की घरेलू रबी सीजन वाली फसल में भी कोई दम नहीं है तथा रंगून से लोडिंग में अभी विलंब है, इन परिस्थितियों को देखते हुए इसमें 200 रुपए जल्दी बढ़ जाएंगे। आज 8050/8060 रुपए का व्यापार सुना गया। दूसरी ओर मार्च डिलीवरी में बिके मालो की डिलीवरी भी मुश्किल हो गई है।
मूंग रिपोर्ट: मुंग में हल्के भारी माल धोया के मतलब के कारोबारियों के निकल रहे हैं, जो 7400 से 7800 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिक रहे हैं। बढ़िया माल की कमी से खाटू वाले माल 8200 / 8300 रुपए बोल रहे हैं, क्योंकि उसमें लिवाली अनुकूल नहीं है। एमपी के माल 7000/7200 रुपए प्रति क्विंटल पुराने बिक रहे हैं, नई फसल आने में विलंब है, इसलिए और घटने की गुंजाइश नहीं है।
उड़द रिपोर्ट: उड़द धोया एवं छिलका की बिक्री लोकल तथा चालानी में निकलने लगी है। दूसरी ओर पाइप लाइन में उड़द का स्टॉक नहीं है तथा चेन्नई से आज की तारीख में भाड़ा लगाकर पड़ते में मूंग मूंग महंगी पड़ रही है। यही कारण है कि चालू सप्ताह 200 रुपए बढ़कर 8000 रुपए प्रति क्विंटल का व्यापार हो गया बाद में 7970 रुपए बोलने लगे थे, लेकिन भाव में दाल मिलें अभी भी लिवाल है, इसे देखते हुए बाजार फिर बढ़ेगा यूपी का माल कोई आ नहीं रहा है, एमपी का माल वहीं निपट गया है।
मसूर रिपोर्ट:नई फसल को देखकर समय से पहले ही मसूर के भाव काफी टूट गए थे, जिसके चलते नीचे वाले भाव में मुंगावली, गंजबासौदा, सागर, भोपाल एवं बिनागंज लाइन से माल पडते में नहीं मिल रहा है। वहां की मंडियां काफी ऊंची चल रही है तथा नए माल का प्रेशर अभी नहीं बन रहा है । यही कारण है कि बिल्टी में मसूर देसी 6050 रुपए प्रति क्विंटल का घर नहीं तोड़ रही है तथा यह जल्दी 6100 रुपए भी बन सकती है, क्योंकि मंडियों में माल की आवक कम है तथा बढ़ती गर्मी से सभी दलहनी फसलों का यील्ड कम बैठ सकता है।
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