इस वर्ष राजस्थान सरसों की बंपर बुवाई होने से उत्पादन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है आज हमने आपको इससे पहले वाली रिपोर्ट में बताया था कि कल देशभर की सभी मंडियों में 13.50 बोरी की दैनिक आवक हुई और वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों में आई गिरावट से सरसों में गिरावट बनी हुई है।
15 लाख टन सरसों की खरीद MSP पर किया जाएगा
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि राजस्थान में 15 लाख टन सरसों खरीदने का निर्णय लिया गया है। मंडियों में बढ़ रही आवक और उत्पादन कारण थोक मंडियों में सरसों का भाव घटकर 5450 रुपए प्रति क्विंटल के नियत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया है जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
आप सभी को पता है की पिछले दो साल के दौरान रबी सीजन की इस महत्वपूर्ण तिलहन फसल का बाजार भाव एमएसपी से काफी ऊंचा रहा था और किसानों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हुई थी जबकि सरकार को इसकी खरीद की जरूरत नहीं पड़ी थी। लेकिन इस बार स्थिति भिन्न है। इसे देखते हुए सरकार ने सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य-राजस्थान में किसानों से समर्थन मूल्य पर 15 लाख टन सरसों खरीदने का फैसला किया है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना के तहत राजस्थान राज्य सहकारी विपणन महासंघ (राजफेड) दवारा 1 अप्रैल 2023 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से सरसों खरीदने की प्रक्रिया आरंभ किए जाने की संभावना है। दो वर्षों के अंतराल के बाद सरसों की इस बार सरकारी खरीद होगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान सरकार ने 2020 में 10 लाख टन के नियत लक्ष्य के सापेक्ष राजफेड ने 3.40 लाख टन सरसो की खरीद की थी। इधर पड़ोसी राज्य हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन महासंघ (हैफेड) भी करीब 20 हजार टन सरसों की वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए खरीद करने हेतु मंडियों में प्रवेश करेगा। इस सरसों की खरीद कल यानी 15 मार्च से एमएसपी पर शुरू हो जाएगी।
राजस्थान के केन्द्र एक व्यावसायिक सरसों का भाव फिलहाल न्यूनतम भरतपुर में प्रमुख समर्थन मूल्य की तुलना में 100-150 रुपए प्रति क्वॅिटल नीचे चल रहा है जो पिछले दो वर्षों का सबसे निचल स्तर है। ज्ञात हो कि पिछले साल नवम्बर में इसका दाम 7500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रहा था। सरकारी एजेंसी की खरीद शुरू होने पर सरसों का मंडी भाव कुछ सुधरने की उम्मीद है। सभी प्रमुख मडियों नई सरसों में की भारी आपूर्ति हो रही है।
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कृषि मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर सरसों का बिजाई क्षेत्र इस बार बढ़कर 98 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंचा जबकि इसका उत्पादन 128 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर। व्यापार अपने विवेक से करें
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